अविकल उत्त्तराखण्ड
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देहरादून। कोरोना के संकट में अजब गजब निर्णय। दिन में कुछ और व सांझ में कुछ और। बुधवार की दोपहर सरकारी आदेश आया कि कार्यालय 1 मई तक बन्द।वजह बढ़ता कोरोना संक्रमण। रात 8 बजे फैसला पलट दिया। और 29 अप्रैल से हर श्रेणी के कर्मी के लिए कुछ शर्तें लगाते हुए कार्यालय में उपस्थिति अनिवार्य कर दी गई। प्रभारी सचिव पंकज पांडेय की ओर से ही दोनों आदेश किये गए। बुधवार को ही आलाधिकारियों को नोडल अफसर बनाने के आदेश भी हुए। लेकिन जब सचिवालय समेत अन्य कार्यालय बन्द रहेंगे तो आदेश का पालन किस से करवाया जाएगा। यह सवाल भी उठा। सीएम तीरथ ने इन मुद्दों पर गौर फरमाया। जमीनी हकीकत पहचानी और 29 से कार्यालय खोलने के आदेश कर दिए। हालांकि, नौकरशाही का एक हिस्सा इसके विरोध में था।
स्वास्थ्य विभाग , पुलिस व अन्य कर्मी कोरोना से जंग को लेकर फ्रंट फुट पर उतरे हुए हैं। जान जोखिम में डाली हुई है। लिहाजा, शासकीय कार्यालयों में मानकों के हिसाब से उपस्थिति का खाका तैयार कर प्रभारी सचिव पंकज पांडेय को कुछ घण्टे पूर्व पुराना आदेश रद्द करते हुए सभी कार्यालय खोलने का नया आदेश करना पड़ा। पूर्व में कर्मचारी सँगठन भी रोस्टर की वकालत कर कर्मचारियों की उपस्थिति को लेकर शासन को ज्ञापन सौंप चुके हैं।
रौलबैक आदेश की हूबहू भाषा
कृपया उपर्युक्त विषयक शासनादेश संख्या 324 / xxxi ( 15 ) G 04(सा) / 2020 दिनांक 24 अप्रैल 2021 के द्वारा प्रदेश के शासकीय कार्यालयों ( आवश्यक सेवाओं से सम्बन्धित विभागों को छोड़कर) को दिनांक 28 अप्रैल 2021 तक बंद रखे जाने का निर्णय लिया गया था। तदोपरांत विस्तार से सम्बन्धित निर्गत शासनादेश संख्या 328 / xxxi ( 15 ) G 04(स) / 2020 दिनाँक 28 अप्रैल, 2021 को तत्काल प्रभाव से निरस्त किया जाता है।
2- शासन द्वारा सम्यक विचारोपरांत उक्त के सम्बन्ध में मुझे यह कहने का निदेश हुआ है कि दिनाँक 29 अप्रैल 2021 से प्रदेश के समस्त शासकीय कार्यालयों को खोले जाने हेतु अग्रिम आदेशों तक निम्न व्यवस्था सुनिश्चित की जायेगी :
- शासकीय कार्यालयों में समूह ‘क’ ‘ख’ के कार्मिकों की उपस्थिति शत प्रतिशत (100% ) रहेगी तथा समूह ‘ग’ एवं ‘घ’ के कार्मिकों (आवश्यक सेवाओं से सम्बन्धित विभागों को छोड़कर) की उपस्थिति को 50 प्रतिशत तक रोटेशन के आधार पर सीमित रखा जायेगा। 2 ऐसी महिला कार्मिक जो गर्भावस्था में हो अथवा जिनकी संतान 10 वर्ष से कम उम्र की हो एवं 55 वर्ष से अधिक आयु अथवा गंभीर बीमारी से ग्रसित कार्मिक घर से ही (Work From Home) कार्य करेंगे। अपरिहार्य परिस्थिति में ही इनको कार्यालय बुलाया जा सकेगा।
- राज्य के शासकीय कार्यालयों में कार्यरत दिव्यांग कार्मिकों (Essential Service में कार्यरत एवं अपरिहार्य स्थिति को छोड़कर) को कार्यालय में उपस्थिति से छूट रहेगी। 4. शासकीयहित में आवश्यकता पड़ने पर किसी भी कार्मिक को कार्यालय में बुलाया जा
- जहाँ तक सम्भव हो बैठक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से ही की जायें।
6 इसके अतिरिक्त पूर्व में निर्गत आदेश 376 / xxxi (15) G 04 (साo) / 2020 दिनाँक 20 अप्रैल, 2021 में कार्यालयों में सावधानी व बचाव हेतु दिये गये दिशा-निर्देश यथावत् लागू रहेंगी।
यह आदेश तत्काल प्रभाव से लागू होंगे।
बुधवार की सांय 1 मई तक कार्यालय बन्द करने के आदेश
कोरोना- अब 1 मई तक बन्द रहेंगे सरकारी कार्यालय
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