कोरोना से 22 की मौत, 513 पॉजिटिव,डेथ रेट में वृद्धि 2.04%

मुख्यमंत्री को सीएसआर के तहत महिन्द्रा ग्रुप ने सौंपे आक्सीजन कन्सन्ट्रेटर्स

देहरादून। प्रदेश में बुधवार को कोरोना से 22 मौत हुई। 513 पॉजिटिव मरीज चिन्हित हुए। फंगस से

बैकलॉग डेथ 30. कुल 898

फंगस से अब तक 50 मौत

बैकलॉग डेथ का विवरण

मुख्यमंत्री को सीएसआर के तहत महिन्द्रा ग्रुप ने सौंपे आक्सीजन कन्सन्ट्रेटर्स

महिन्द्रा ग्रुप के हरिद्वार स्थित प्लांट हेड सत्यवीर सिंह ने मुख्यमंत्री को 100 ऑक्सीजन कन्सन्ट्रेटर (10 ली.), 03 महिन्द्रा सुप्रो एम्बुलेंस तथा 1000 एलपीएम का ऑक्सीजन प्लांट भेंट किया। इन तीन एम्बुलेंसों में 02 जनपद हरिद्वार तथा एक जनपद नैनीताल को उपलब्ध करायी जायेगी।

जबकि 1000 एलपीएम ऑक्सीजन प्लांट वीर चन्द्र सिंह गढ़वाली, राजकीय मेडिकल कालेज श्रीनगर गढ़वाल में स्थापित किया जायेगा। मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने सीएसआर के तहत महिन्द्रा ग्रुप द्वारा कोविड-19 की महामारी से बचाव में राहत सामग्री प्रदान करने के लिये आभार व्यक्त किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्व में महिन्द्रा ग्रुप के चेयरमैन श्री आनन्द महिन्द्रा से भी इस सम्बन्ध में वार्ता हुई थी तथा उन्होंने इस सम्बन्ध में आवश्यक सहयोग का आश्वासन दिया था।

मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने कहा कि कोविड-19 की महामारी के इस दौर में सभी संस्थानों एवं स्वयं सेवी संगठनों ने यथा सम्भव सहयोग दिया गया है। उन्होंने कहा कि सभी के प्रयासों से अब हम इस बीमारी के संक्रमण को कम करने में सफल हो पाये हैं। इस वैश्विक महामारी के प्रभाव को कम करने के लिये राज्य में स्वास्थ्य इन्फ्रास्ट्रक्चर को मजबूत किया गया है। चिकित्सालयों में इस बीमारी के इलाज के लिये आवश्यक व्यवस्थायें की गई हैं। उन्होंने सभी से कोविड प्राटोकाल का अनुपालन करने की अपील की है। इस अवसर पर सचिव स्वास्थ्य अमित नेगी, महिन्द्रा एंड महिन्द्रा लि. के विमल सिंह एवं दीपक वर्धन आदि उपस्थित थे।

एम्स के विशेषज्ञ चिकित्सकों की सलाह
कमजोर इम्युनिटी वाले लोग रहें सतर्क


लाॅकडाउन में स्वास्थ्य के प्रति नहीं बरतें लापरवाही यदि आप कई दिनों तक एक ही मास्क का इस्तेमाल कर रहे हैं, तो सावधान हो जाइये। आपकी यह लापरवाही म्यूकर माइकोसिस से ग्रसित होने की वजह बन सकती है। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान एम्स ऋषिकेश ने इस बाबत सलाह दी है कि कोविड19 से सुरक्षा के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले सूती कपड़े के मास्क को दोबारा पहनने से पहले दैनिकतौर से अवश्य धो लें, यह बेहद जरूरी है।

जून और जुलाई के महीने वातावरण में आर्द्रता बहुत कम हो जाती है। ऐसे में जब हम नाक से सांस लेते हैं तो उसके आगे मास्क लगे होने से मास्क के अन्दर की ओर नमी बनी रहती है। मास्क को लगातार पहने रहने से इस नमी में कीटाणु पनपने लगते हैं और जिससे फंगस के लिए अनुकूल वातावरण तैयार हो जाता है। फिर नाक और मुंह से होता हुआ यह फंगस धीरे-धीरे शरीर के अन्य अंगों को संक्रमित कर देता है।

इस बाबत एम्स निदेशक पद्मश्री प्रोफेसर रवि कान्त ने बताया कि सूती मास्क हमेशा धुले हुए और साफ-सुथरे पहनने चाहिए। उन्होंने कहा कि यह कोई जरूरी नहीं है कि जिसे कोविड नहीं हुआ हो उसे म्यूकर माइकोसिस नहीं हो सकता। नाॅन डिस्पोजल मास्क को दैनिकतौर से साफ नहीं करने वाले लोगों को भी इस बीमारी का खतरा हो सकता है। निदेशक एम्स पद्मश्री प्राे. रवि कान्त ने बताया कि कोविड और म्यूकर माइकोसिस दोनों ही बीमारियों से तभी बचाव संभव है, जब कोविड गाइडलाइनों का पूर्ण पालन करने के साथ साथ मास्क का सही तरीके से इस्तेमाल किया जाए। खासतौर से जिन लोगों की इम्युनिटी कमजोर है उन्हें अतिरिक्त सावधानी बरतने की नितांत आवश्यकता है।

कोविड के नोडल अधिकारी डाॅ. पीके पण्डा ने बताया कि लाॅकडाउन के कारण अधिकांश नाॅन कोविड रोगी अपने स्वास्थ्य संबंधी जांचों के प्रति लापरवाह बने हुए हैं। ऐसे में नियमित जांच नहीं कराए जाने से उन्हें अपनी इम्युनिटी और ब्लड में शुगर लेवल की मात्रा का पता नहीं चल पाता। उन्होंने कहा कि म्यूकर माइकोसिस से बचाव के लिए ब्लड में शुगर की मात्रा की रेगुलर जांच कराना जरुरी है। म्यूकर रोगियों के उपचार की सुविधा के बारे में उन्होंने बताया कि ऐसे रोगियों के लिए एम्स में 7 वार्ड बनाए गए हैं। इनमें कुल 185 बेड हैं, जिनमें 65 आईसीयू सुविधा वाले बेड हैं। इंसेट-

म्यूकर माइकोसिस फंगस अक्सर कोविड के लक्षण उभरने के 3 सप्ताह बाद से पनपना शुरू होता है। कमजोर इम्युनिटी और शुगर पेशेंट के लिए यह फंगस सबसे अधिक घातक है। म्यूकर माइकोसिस ट्रीटमेंट टीम के हेड और ईएनटी सर्जन डाॅ. अमित त्यागी का कहना है कि कोविड की दूसरी लहर का पीक टाईम मई का दूसरा सप्ताह था। इस लिहाज से मई अंतिम सप्ताह और जून के पहले सप्ताह तक म्यूकर के मरीजों का ग्राफ तेज गति से बढ़ा था। लेकिन अब इसमें कमी आनी शुरू हो गई है। मई महीने में एम्स में दैनिकतौर पर म्यूकर ग्रसित 7 से 12 पेशेंट आ रहे थे। जबकि अब यह संख्या 4 से 7 प्रतिदिन हो गई है। उन्होंने बताया कि एम्स में अभी तक म्यूकर के कुल 208 पेशेंट आ चुके हैं।

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