देखें पैंग गांव का वीडियो
गंगा एवं उसकी मुख्य सहायक नदियों पर पावर प्रोजेक्ट नही बनने चाहिए-उमा भारती
जाड़ों में पहली बार फटा हिम ग्लेशियर, वैज्ञानिक हैरान ,जमीनी हलचल का अंदेशा
अविकल उत्त्तराखण्ड/एजेंसी
जोशीमठ। उत्त्तराखण्ड में भारी बर्फबारी और बारिश के बाद चटख धूप खिली थी। लोग गुनगुनी धूप के आगोश में थे। आसमान नीला और खिली नर्म धूप। चमोली जनपद की पैंग घाटी में हिम ग्लेशियर के टूटने का किसी को कतई अहसास नहीं था। सीमांत चमोली के जोशीमठ-तपोवन मार्ग पर रैंणी इलाके में तबाही का मंजर तबाही मचा देगा। लेकिन रविवार के मनहूस सुबह 2013 की केदार आपदा की रील एक बार फिर घूम गयी।
रविवार की सुबह दस बजे के करीब जोरदार धमाके के बीच नंदा देवी ग्लेशियर के एक हिस्से ने करवट ली और ऋषिगंगा नदी में समा गया। स्थानीय ग्रामीणों ने धमाके की आवाज सुनी और पल भर में देखा कि भारी गड़गड़ाहट के साथ एक सुनामी तेजी से उनकी ओर बढ़ रही है।मोबाइल से वीडियो बनने लगे। तो लगा कि यह किसी हॉलीवुड मूवी का कोई सीन है। बड़े बड़े बोल्डर और पानी के साथ तिनके की तरह बहे जा रहे थे ।
डर, भय, दहशत से ग्रामीण एक दूसरे को बचाने के लिए जोर जोर से आवाज लगाने लगे। लेकिन तूफानी ग्लेशियर पहाड़ की गड़गड़ाहट में कुछ नही सुनाई पड़ा। रैंणी गांव में ऋषिगंगा प्रोजेक्ट पर निर्माणधीन बांध की दीवारें गत्ते की तरह बह निकली। प्रशासन व शासन की चूलें हिल गई। धौलीगंगा में NTPC का प्रोजेक्ट भी चपेट में आया। पुल बहे। लोग बहे। कई फंसे हैं।
बाढ़ का पानी नन्दप्रयाग की तरफ बढ़ा तो ऋषिगंगा पर कंपनी रेणी के पावर प्रोजेक्ट का नामों निशान मिट गया था ( चित्र देखिये) संभावित खतरे से निपटने के लिए श्रीनगर से लेकर ऋषिकेश तक बने बांधों का पानी खाली कराने की कवायद शुरू हुई। प्रकृति ने सीमांत इलाके का भूगोल चंद ही घण्टो में बदल दिया।सभी ओर तबाही का मंजर है।
गंगा एवं उसकी मुख्य सहायक नदियों पर पावर प्रोजेक्ट नही बनने चाहिए-उमा भारती
जब मै मंत्री थी तब अपने मंत्रालय के तरफ़ से हिमालय उत्तराखंड के बांधो के बारे में जो ऐफ़िडेविट दिया था उसमें यही आग्रह किया था कि हिमालय एक बहुत संवेदनशील स्थान है इसलिये गंगा एवं उसकी मुख्य सहायक नदियों पर पावर प्रोजेक्ट नही बनने चाहिए। तथा इससे उत्तराखंड की जो 12 प्रतिशत की क्षति होती है वह नेशनल ग्रिड से पूरी कर देनी चाहिये। कल मैं उत्तरकाशी में थी आज हरिद्वार पहुँची हूं ।हरिद्वार में भी अलर्ट जारी हो गया है यानी की तबाही हरिद्वार आ सकती है। यह हादसा जो हिमालय में ऋषि गंगा पर हुआ यह चिंता एवं चेतावनी दोनो का विषय है ।
जाड़ों के मौसम में पहली बार फटा हिम ग्लेशियर, वैज्ञानिक हैरान
सीमांत चमोली जिले में अचानक हिमग्लेशियर फट जाने से वैज्ञानिक हैरान हैं।इसकी पीछे ठंड के मौसम में इस हैरतअंगेज घटना का होना है। वाडिया इंस्टिट्यूट ऑफ़ हिमालयन ज्योलॉजी के वैज्ञानिकों का कहना है कि ठंड के मौसम में पहली बार कोई ग्लेशियर टूटा है, जो कि हैरान करने वाला है। हालांकि अभी तक ग्लेशियर फटने की वजह साफ़ नहीं हो सकी है। वैज्ञानिक प्रथम दृष्टया जमीन के नीचे टकराव होने से ऐसा होने की आशंका व्यक्त कर रहे हैं।
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