कनिष्ठ सहायक (ज्यूडिशियरी) 2021 एवं वी0डी0ओ भर्ती 2016 की जांच/विवेचना भी STF को सौंपी
अविकल उत्तराखंड
देहरादून। उत्तराखंड के चर्चित भर्ती घोटाले को लेकर शासन व सत्ता के गलियारों की हलचल नयी करवट लेती दिखाई दे रही है। uksssc भर्ती घोटाले से शुरू हुई कहानी विधानसभा की भर्तियों के इर्द गिर्द घूमने लगी है। यही नहीं,विधानसभा सचिव को दिए प्रमोशन पर भी पूर्व विधानसभाध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल को मीडिया ने खूब घेरा। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी भाजपा को कठघरे में खड़ा करने की कोशिश की। उधर, STF भर्ती घोटाले में अभी तक 26 लोगों के9 गिरफ्तार कर चुकी है।
इधर, सीएम धामी ने UKSSSC द्वारा पूर्व में आयोजित कनिष्ठ सहायक (ज्यूडिशियरी) 2021 एवं वी0डी0ओ भर्ती 2016 की जांच/विवेचना भी STF को सौंप दी है। डीजीपी अशोक कुमार ने कहा कि इन भर्तियों की जांच भी STF करेगी।
Uksssc भर्ती घोटाले के समानांतर अब विधानसभा में पिछले दरवाजे से हुई 73 नौकरियों के मसले पर भी माहौल गर्मा गया है। इस मुद्दे पर मीडिया ने पूर्व विधानसभाध्यक्ष व मौजूदा वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल से तीखे सवाल किए। मंत्री प्रेमचंद भी तल्ख मूड में जवाब देते नजर आए।
विधानसभा में दिसंबर 2021 में हुई 73 लोगों की भर्ती पर पूर्व विधानसभाध्यक्ष व मौजूदा वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने साफ साफ कह दिया कि – हां की हैं मैंने नियुक्तियां और तीन प्रमोशन देकर डिप्टी सेक्रेटरी को विस का सचिव बनाया है। यह भी जोड़ा कि डिप्टी सेक्रेटरी मुकेश सिंघल को नियमों में शिथिलता दी गयी। विस में तो पहले भी इसी तरह से नियुक्तियां होती रही हैं।
पूर्व विस अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने 2017 से 2022 के बीच 73 बैकडोर नियुक्ति की। इनकी भी जांच की मांग चल रही है। सवालों में घिरे प्रेमचंद अग्रवाल बोले कि गैरसैंण में मैनपावर की जरूरत थी। लिहाजा टेंपरेरी अरेजमेंट के तहत ऐसा किया गया है।
मार्च 2022 में वित्त मंत्री बनने के अगले दिन ही दिसंबर 2021 में नियुक्त 73 कर्मियों का तीन माह से रुका वेतन भी प्रेम अग्रवाल ने जारी किया। जबकि तत्कालीन वित्त सचिव अमित नेगी ने वेतन जारी करने से इनकार कर दिया था।
मीडिया के तीखे सवालों से असहज मंत्री प्रेम अग्रवाल ने माना कि उन्होंने डिप्टी सैक्रेट्री मुकेश सिंघल को एक साल में तीन प्रमोशन दिए। यह भी कहा कि, नियमों के तहत प्रमोशन में उन्होंने शिथिलता दी है। इसमें कहीं कोई अनियमितता नहीं हैं।
विधानसभा सचिव सचिव मुकेश सिंघल की नियुक्ति डिप्टी सेक्रेटरी (शोध) पर हुई थी। फिर एक साल के अंदर प्रमोशन कर ज्वाइंट सेक्रेटरी, एडिशनल सेक्रेटरी और फिर प्रभारी सचिव और अंत में स्थायी सचिव बना दिया गया।यह प्रमोशन 2021-22 की अवधि में हुए। साथ ही सचिव की नियुक्ति के लिए कोई आवेदन नहीं मांगा गया और न ही न्याय विभाग से प्रतिनियुक्ति पर तैनाती का कोई प्रयास किया गया।
विधानसभा में मृतक आश्रितों की नौकरी पर कोई फैसला नही हुआ
विस कर्मी शाकिर खान रक्षक, मीनू पाल परिचायक, दिनेश मंन्द्रवाल और पंकज महर रिपोर्टर की मौत कोरोना से हुई। लेकिन मृतक आश्रितो क़ो अभी तक नौकरी नहीं हैं । और नेता व अन्य प्रभावशाली लोगों के करीबियों के9 नौकरी बांट दी गयी।
पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने सोशल मीडिया के माध्यम से उत्तराखंड में चल रहे तमाम भर्ती घोटालों पर अपनी चिंता जाहिर करते हुए उत्तराखंड की भाजपा सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि गरीब एवं मध्यम वर्ग के युवाओं के हिस्से की नौकरी पैसे लेकर अमीरों और सरकार के करीबी लोगों को बेची जा रही है, युवाओं के सपनों से खेलने वाली भाजपा सरकार पद पर बने रहने का अधिकार खो चुकी है।
उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष करन माहरा ने कहा कि “प्रदेश के युवाओं के प्रति आपकी संवेदनशीलता से अभिभूत हूं, आपको विश्वास दिलाता हूं कि उत्तराखंड में मुख्य विपक्षी दल की भूमिका का निर्वहन पूरी जिम्मेदारी और संजीदगी के साथ किया जाएगा और प्रदेश में चल रहे भर्ती घोटालों पर हमारी पूरी नजर है, हम मजबूती के साथ युवाओं के समर्थन में खड़े है”
STF करेगी इन भर्तियों की जांच भी
पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने सीएम के निर्देश के बाद एस0टी0एफ को UKSSSC द्वारा पूर्व में आयोजित कनिष्ठ सहायक (ज्यूडिशियरी) 2021 एवं वी0डी0ओ भर्ती 2016 की जांच/विवेचना पर भी फोकस करने के निर्देश दिए गए।
उल्लेखनीय है मुख्यमंत्री के निर्देश पर 2015-16 में दारोगा भर्ती की जॉच विजिलेंस को सौंप चुके हैं।
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