अब सीएचसी व पीएचसी में भी होगी कोविड जांच, केरल से छह गुना ज्यादा डेथ रेट

सचिव पंकज पांडेय ने सभी CMO को भेजे पत्र में CHC व PHC में रैपिड एंटीजन टेस्ट की व्यवस्था को कहा

महामारी में गैर संचारी रोगों से बचें-देखें वीडियो

मधुमेह,मोटापा और ब्लड प्रेशर के मरीजों को अतिरिक्त सावधानी बरतने की जरूरत-डॉ बिष्ट, वरिष्ठ चिकित्सक

उत्त्तराखण्ड में कोविड डेथ रेट केरल 0.3% से छह गुना ज्यादा 1.74 % है। राज्य में कुल 5484 मौते

1 से 20 मई के बीच प्रदेश का positivity rate 18.79% रहा। इस दौरान 2795 मौत हुई।

कोरोना डेथ- राजकीय चारा प्रक्षेत्र भैंसवाड़ा फार्म में होगा अंतिम संस्कार

डॉ एन एस बिष्ट

देहरादून। आम भारतीय रफ टफ होते हैं। हर मौसम में सीमित संसाधनों में गुजर बसर करने वाले मध्यम वर्ग की प्रतिरोधक पावर भी अच्छी होती है। लिहाजा, कोरोना की लहर का मध्यम वर्ग पर असर कम होगा। लेकिन यह थ्योरी गलत साबित हुई है लेकिन एक और तथ्य जो सामने आया है वह यह है कि दूसरी लहर में मिडिल ऐज ग्रुप या कम उम्र वालों को अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत पड़ी । इसके पीछे कुछ और ही गहरे कारण है।

सीएचसी व पीएचसी में भी होगी कोविड जांच

उत्त्तराखण्ड के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों व प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में भी रैपिड एंटीजन टेस्ट की सुविधा मिलेगी। प्रभारी सचिव पंकज पांडेय ने शुक्रवार को इस बाबत सभी जिलों के मुख्य चिकित्साधिकारियों को पत्र भेजा है।
सरकार ने माना कि कोविड संक्रमण ग्रामीण इलाकों में तेजी से फैल रहा है। ऐसे में कोविड 19 रोगियों की त्वरित जांच जरूरी है।
आदेश में केंद्र सरकार के निर्देशों का भी हवाला दिया गया है। सचिव पांडेय ने कहा कि
रैपिड एन्टीजन टेस्ट के माध्यम से कोविड-19 टैस्टिंग की सुविधा आम जन मानस तक पहुंचायी जानी आवश्यक है। सीएमओ को लिखे पत्र में कगया गय्या है कि  आप अपने जनपद में समस्त सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र (सी०एच०सी०) एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र (पी०एच०सी० ) पर रैपिड एन्टीजन टैस्ट सुविधा उपलब्ध रखें। जिन सी०एच०सी० एवं पी०एच०सी० में कोविड-19 टेस्टिंग की जांच नहीं की जा रही है उन स्वास्थ्य केन्द्रों में भी शीघ्रातिशीघ्र रैपिड एन्टीजन टेस्टिंग के माध्यम से कोविड-19 जांच सुविधा उपलब्ध कराने का कष्ट करें।
गौरतलब है कि उत्त्तराखण्ड के ग्रामीण इलाकों में 93 प्रतिशत एक्टिव कोविड केस के मरीज होम आइसोलेशन में रह रहे हैं।

एक जो स्पष्ट कारण सामने आया है वह यह है कि गैर संचारी रोग जैसे मधुमेह, मोटापा और उच्च रक्तचाप के प्रति युवाओं की अज्ञानता और मध्यम उम्र के लोगों में इन रोगों की गहरी पैठ भी है। गैर संचारी रोगों के प्रति सावधानी बरतने के मामले में भी भारतीय काफी लापरवाह देखे गए हैं। यही गैर संक्रामक रोग ही महामारी को दावत देते हैं।

भारत में तो कम उम्र में ही गैर संचारी रोग जैसे मधुमेह ब्लड प्रेशर आदि का के लक्षण देखने को मिलते हैं।  50 से ज्यादा उम्र में लगभग 35% लोग मधुमेह से पीड़ित है ।

देखें वीडियो-डॉ एन एस बिष्ट,देहरादून

कोरोना की पहली लहर के दौरान भी गैर संचारी रोगों की रोकथाम व देखभाल की काफी कमी पाई गई।इसका परिणाम यह हुआ की दूसरी लहर ने कम उम्र व मध्यमवर्गीय लोगों को अपनी चपेट में ले लियया। मध्यम वर्ग भारत का सबसे बड़ा उपभोक्ता है। गैर संचारी रोगों के प्रति मध्यम वर्ग की उदासीनता के कारण ही दूसरी लहर में इस वर्ग को सबसे ज्यादा नुकसान उठाना पड़ रहा है। ज्यादातर लोग यह मानने लगे थे कि कोरोना बुजुर्गों को ही निशाना बना रहा है जबकि भारत में 65 से ज्यादा आयु के लोगों का प्रतिशत 6 प्रतिशत के आसपास ही है।

चूंकि, कोरोना की तीसरी लहर की भी आहट सुनाई देने लगी है। ऐसे में मधुमेह,मोटापा व ब्लड प्रेशर के मरीजों को अतिरिक्त सावधानी बरतने की जरूरत है।

कोरोना डेथ- राजकीय चारा प्रक्षेत्र भैंसवाड़ा फार्म में होगा अंतिम संस्कार


अल्मोड़ा : जनपद अल्मोड़ा मुख्यालय में स्थित राजकीय चारा प्रक्षेत्र भैंसवाड़ा फार्म को, कोविड-19 से होने वाली मृत्यु के शवों को गाइड्लाईन एवं कोविड-19 के एस०ओ०पी० के अनुसार अंतिम संस्कार हेतु वर्ष -2020 से ही नियमत: चयनित किया गया है ।
यह प्रक्षेत्र पूर्णतया घेरबाड़ युक्त एवं आबादी से दूर है । कोविड-19 से मृत व्यक्तियों के शवों का अंतिम संस्कार किए जाने हेतु जिला प्रशासन द्वारा एक टीम का गठन किया गया है जिसमें उप-जिलाधिकारी सदर, अधिशासी अधिकारी नगर पालिका व अपर मुख्य अधिकारी जिला पंचायत शामिल हैं । अंतिम संस्कार के दौरान पुलिस एवं राजस्व विभाग के कर्मचारियों की मौज़ूदगी में परिवार के सदस्यों द्वारा कोविड-19 की एस०ओ०पी० का पालन करते हुए पृथक-पृथक दाहसंस्कार किया जाता है । एसे मृत व्यक्ति जिनके परिवारजन उपलब्ध न हो पायें या परिवार में अकेले हों तो राज्य आपदा प्रतिवादन बल (SDRF) के सहयोग से उनका दाह संस्कार किया जाता है । दाह संस्कार हेतु समस्त व्यवस्थायें (लकड़िया, पीपीई किट, वाहन आदि) जिला प्रशासन द्वारा उपलब्ध करायी जाती हैं । दाह संस्कार के पश्चात शव दाह प्रक्रिया पूर्ण होने के बाद फायर सर्विस की गाड़ी के माध्यम से स्थल को पूर्णतया सैनिटाइज़ किया जाता है ।


जनपद में कोविड उपचार हेतु निर्धारित कोविड चिकित्सालय जिला मुख्यालय में स्थापित है अत: जनपद के विभिन्न क्षेत्रों से कोविड संक्रमित व्यक्तियों के उपचार के दौरान मृत्यु होने पर उनका दाह संस्कार निर्धारित उपरोक्त स्थल पर ही किया जाता है ।
उपरोक्त स्थल के सम्बंध में कतिपय मीडिया संस्थान द्वारा मृतक व्यक्तियों को तथाकथित खुले में शवदाह जंगल में किये जाने की फोटो एवं वीडियो बिना प्रशासन के अधिकारियों के पहलू को जाने तथ्यहीन/भ्रामक सूचना प्रसारित की जा रही है । जिला प्रशासन अल्मोड़ा इसका पूर्णत: खण्डन करता है ।

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