हरदा के अंदाज में ही मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र से जवाब देने की उम्मीद
स्वतन्त्रता दिवस पर भराड़ीसैण के विधानभवन में मुख्यमंत्री व विधानसभाध्यक्ष फहराएंगे राष्ट्रीय ध्वज
अविकल थपलियाल
देहरादून।
हे, त्रिवेंद्र कख च तुम्हरी ग्रीष्मकालीन राजधानी? पूर्व मुख्यमन्त्री हरीश रावत की गैरसैंण से पूछे गए इस सवाल का जवाब सम्भवतः 15 अगस्त को दिया जाएगा।
इस दिन मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र व विधानसभाध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ग्रीष्मकालीन राजधानी जाएंगे और वहां तिरंगा लहराएंगे। और कुछ ठोस तथ्यों के साथ हरदा टीम को यह बताने की कोशिश भी करेंगे कि यखी गैरसैंण मा च ग्रीष्मकालीन राजधानी। बहरहाल, भराड़ीसैण में बने विधानभवन में होने वाले झंडारोहण को लेकर राज्य में गहरी उत्सुकता बनी हुई है।
हालांकि, मुख्यमंत्री की गैरसैंण जाने की टाइमिंग को लेकर कांग्रेस में सवाल उठने लाजिमी है। दरअसल, भारत छोड़ो आंदोलन की ऐतिहासिक तारीख 9 अगस्त को हरीश रावत गैरसैंण पहुंचे।गैरसैंण में कांग्रेस के कई नेताओं व कार्यकर्ताओं की मौजूदगी में भाजपा सरकार को कठघरे में खड़ा किया। सीधा आरोप जड़ा कि गैरसैंण में कुछ काम नही हो रहे। इसके बाद 13 अगस्त को यह खबर आयी कि मुख्यमंत्री व विधानसभाध्यक्ष 15 अगस्त को गैरसैंण जाएंगे।
उम्मीद यह भी जताई जा रही है कि भराड़ीसैण से मुख्यमंत्री कुछ खास विकास योजनाओं की घोषणा कर सकते हैं। मार्च में ग्रीष्मकालीन राजधानी के ऐलान और फिर गजट नोटिफिकेशन के बाद कोई विशेष गतिविधि नही हो पायी। एक मुख्य वजह कोरोना त्रासदी को भी बताया जा रहा है।
गैरसैण विकास परिषद भराड़ीसैण के आसपास के संभावित विकास को लेकर 2018 में बड़ी बैठक भी कर चुकी है। इस परिषद ने कुछ निर्माण कार्यों में गलतियां भी पकड़ी थी। लेकिन summer capital पर मुहर लगने के बाद गैरसैंण इलाके में विशिष्ट श्रेणी के आधारभूत ढांचे की जरूरत है।
इसके अलावा देहरादून अस्थायी राजधानी इन रायपुर के निकट प्रस्तावित विधानसभा को लेकर भी जनता पसोपेश में है। यह सवाल भी है कि जब गैरसैण की दिशा में कदम बढ़ ही गए तो देहरादून में करोड़ों की लागत से बनने वाले नए विधानभवन पर करोड़ों का खर्चा कितना न्यायसंगत होगा।
उधर, पूर्व मुख्यमन्त्री हरीश रावत लगातार यह कहकर भाजपा पर दबाव बनाने की कोशिश में है कि 2022 में सत्ता में आने के बाद गैरसैंण को स्थायी राजधानी घोषित करेंगे। अब 15 अगस्त को गैरसैंण के विधानभवनइन झंडा फहराने के बाद त्रिवेंद्र सिंह रावत हरीश रावत के पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए यह तो कहेंगे ही कि हरदा यखी च ग्रीष्मकालीन राजधानी….
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कास ये रकम जनता की ना होकर यदि एमएलए की पर्सनल जेबों से ख़र्च होती तब एक ही राजधानी व विधान सभा भवन बनता।
Yess