सीएम धामी ने दून मेडिकल कालेज में मरीजों के भोजन की परखी क्वालिटी

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने दून अस्पताल का औचक निरीक्षण किया

मरीजों को दिये जाने वाले भोजन को स्वयं चखकर गुणवत्ता परखी। प्रभारी सचिव डॉ आर राजेश कुमार ने हैण्ड फुट माऊथ डिजीज (HFMD), Tomato Flu का प्रकोप रोकने के दिये निर्देश

साफ सफाई का विशेष ध्यान रखें, सेवा भाव से करें काम : सीएम

अविकल उत्तराखंड

देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने दून मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल का औचक निरीक्षण कर वहां की व्यवस्थाओं का जायजा लिया। उन्होंने अस्पताल में भर्ती मरीजों का हालचाल जाना और फीडबैक लिया। मुख्यमंत्री ने मरीजों को दिये जाने वाले भोजन की गुणवत्ता को परखने के लिए खुद वह भोजन खाया। उन्होंने कहा कि मरीजों की सेवा भगवान की सेवा है। मरीजों के साथ मधुरता से व्यवहार किया जाए तो आधी बीमारी तो वैसे ही दूर हो जाती है। सेवा भाव का होना आवश्यक है।

मुख्यमंत्री ने अस्पताल में साफ सफाई का विशेष ध्यान रखने के निर्देश दिये। स्वच्छ माहौल से सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। उन्होंने कहा कि ऐसी व्यवस्था सुनिश्चित की जाए कि इलाज के लिए आने वालों को अधिक इंतजार न करना पड़े। मरीजों के साथ साथ आने वाले उनके तीमारदारो को भी परेशानी न हो। अस्पताल में सभी आवश्यक दवाईयों की उपलब्धता सुनिश्चित हो। मुख्यमंत्री ने दून अस्पताल में इमरजेंसी वार्डों, आईसीयू एवं डेंगू वार्ड का निरीक्षण किया।

इस अवसर पर सचिव स्वास्थ्य डॉ. आर. राजेश कुमार, दून मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. आशुतोष सयाना एवं स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी उपस्थित थे।

सीएम धामी व प्रभारी सचिव डॉ आर राजेश कुमार

प्रभारी सचिव डॉ आर राजेश कुमार ने हैण्ड फुट माऊथ डिजीज (HFMD), Tomato Flu का प्रकोप रोकने के दिये निर्देश

समस्त जिलाधिकारी, उत्तराखण्ड । 2. समस्त मुख्य चिकित्साधिकारी, उत्तराखण्ड ।

प्रायः देखा जा रहा है कि उत्तराखण्ड राज्य में विभिन्न जनपदों में बच्चों में हैण्ड फुट माऊथ डिजीज (HFMD), Tomato Flu का प्रकोप बढ़ रहा है अवगत होना चाहे कि HEMD के प्रकोप को रोकने के लिये हर सम्भव प्रयास किया जाना आवश्यक है। HEMD के नियंत्रण एवं रोकथाम के लिये निम्न जानकारी एवं निरोधात्मक गतिविधियों आवश्यक है :

  1. HFM संक्रमण ड्रॉप्लैट इन्फैक्शन यानि खांसने व छींकने से फैलता है व सक्रमित व्यक्ति के नज़दीकी सम्पर्क में आने से, थूक अथवा लार के सम्पर्क से फैलता है। 2. HFMD के लक्षण है – बुखार का आना, बदन दर्द, जी मचलाना, भूख न लगना, गले में सुजन व दर्द, दस्त लगना, जोड़ों में सूजन आदि साथ ही 01 से 02 दिन के भीतर मसूड़ों, चेहरे, जीभ एवं हाथ व पंजों में चकत्ते आना।
  1. बचाव के तरीके संक्रमित बच्चे अथवा व्यक्ति को बीमारी की अवधि के दौरान आईसोलेट करना ताकि संक्रमण को फैलने से रोका जा सके, बच्चों को जागरूक किया जाये, चकत्तो को रगड़ा न जाये, मास्क का इस्तेमाल एवं छींकते व खांसते समय सावधानी ।
  2. उपचार – HFMD आमतौर पर मामूली रोग के रूप में परिलक्षित होता है एवं सामान्य लक्षणों के साथ स्वतः ही ठीक होने वाला रोग है। थोड़ी सी सावधानी से रोग को पूरी तरह से नियंत्रण में किया जा सकता है। लक्षण होने पर शरीर में समुचित हाईड्रेशन रखा जाये, प्रचुर मात्रा में पानी एवं तरल पदार्थों का सेवन किया जाये, सतुलित आहार लिया जाये हरी सब्जियॉ, फल, प्रोटीन डाईट एवं विटामिन का सेवन किया जायें, बुखार व दर्द के लिये पैरासिटामॉल का इस्तेमाल किया जाये।

अतः आप सभी को निर्देशित किया जाता है कि HEMD की स्थिति की कड़ी निगरानी करे। समस्त राजकीय एवं निजी चिकित्सालयों मे सभी चिकित्सको व सम्बन्धित स्वास्थ्य कर्मियों को HFMD के नियंत्रण एवं बचाव के पहलुओं पर जागरूक करे। आशा कार्यकत्रियों के माध्यम से जनसमुदाय में HFMD से बचाव पर जागरूकता करवाना सुनिश्चित करे ।

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