रामदेव की दिव्य योग फार्मेसी को नोटिस, आपत्तिजनक विज्ञापन हटाने के आदेश

पतंजलि की जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया- पतंजलि के उत्पाद व औषधि निर्धारित मानकों के अनुरूप.कानूनी कार्रवाई की दी चेतावनी

लाईसेसिंग अधिकारी , आयुर्वेदिक एवं यूनानी सेवाये ने जारी किया नोटिस

बाबा रामदेव की दिव्य योग फार्मेसी को नोटिस, आपत्तिजनक विज्ञापन तत्काल हटाने का आदेश

Divya Madhugrit Tablet, Divya Eyegrit Gold. Divya Thyrogrit Tablet, Divya BPgrit Tablet at Divya Lipidom Tablet का उत्पादन रोकने के निर्देश

प्रेषक:
लाईसेसिंग अधिकारी आयुर्वेदिक एवं यूनानी सेवाये
उत्तराखण्ड देहरादून।

सेवा में:
मेसर्स दिव्य फार्मेसी,
प्लॉट न० ए-01. औद्योगिक क्षेत्र हरिद्वार।

विषय: Repeated Contravention of Drugs and Magic Remedies (Objectionable advertisement) Act 1954 and Drugs & Cosmetics Act 1940 & Rules 1945 by Divya Pharmacy Haridwar.

महोदय,
उपर्युक्त विषयक डॉ० बाबू केवी केरल के पूर्व पत्र दिनांक 12.07-2022 जो पुन इस निदेशालय में दिनांक 11.102022 को ई-मेल के माध्यम से प्राप्त हुआ है का सन्दर्भ ग्रहण करने का कष्ट करें। जिसके द्वारा आपकी फर्म द्वारा निर्मित की जा रही औषधियों Divya Madhuagrit Tablet Dis Eyegrit Gold. Divya Thyrogrit Tablet, Divya BPgrit Tablet on Divya Lipidom Tables मीडिया में बार-बार आमक / आपत्तिजनक प्रचार-प्रसार किये जाने की शिकायत करते हुए आपत्तिजनक विज्ञापन प्रकाशित किये जाने तथा फर्म द्वारा Drugs and Magic Remedies (Objectionable advertisement) Act 1954 Section 3(d) and Drugs & Cosmetics Act 1910 Rules 1915 106 11 का उल्लंघन किये जाने के कारण फर्म के विरुद्ध नियमानुसार आवश्यक कार्यवाही किये जाने की अपेक्षा की गयी है।

इस सम्बन्ध मे उल्लेख करना है, कि आपके द्वारा निर्मित किये जा रहे औषधियो Divya Madhugrit Tablet. Divya Eyegrit Gold. Divya Thyroprit Tablet, Divya BPgrit Tablet d Divya Lipidom Tablet के फॉर्मूलेशन सीट एवं लेबलक्लेम का परीक्षण निदेशालय स्तर पर गठित इस पैनल द्वारा किया गया। ड्रग पैनल द्वारा उक्त योगों के फॉर्मूलेशन सीट का परीक्षण किये जाने के उपरान्त अपनी रिपोर्ट में उक्त योगों के इण्डिकेशन संशोधित करते हुए, अनुमोदन हेतु नवीन फॉर्मूलेशन सीट प्रस्तुत किये जाने का उल्लेख किया गया है।

अत निर्देशित किया जाता है कि प्रश्नगत प्रकरण के सम्बन्ध में अपना स्पष्टीकरण एक सप्ताह के अन्तर्गत अनिवार्य रूप से अधोहस्ताक्षरी को उपलब्ध कराने के साथ ही Divya Madhugrit Tablet, Divya Eyegrit Gold. Divya Thyrogrit Tablet, Divya BPgrit Tablet at Divya Lipidom Tablet के भ्रामक / आपत्तिजनक विज्ञापनों को तत्काल मीडिया से Remove करते हुए सम् योगों का निर्माण कार्य तत्काल बन्द कर दें एवं योगों की मूल फॉर्मूलेशन सीट निदेशालय में जमा करे एवं संशोधित फॉर्मूलेशन सीट एवं संशोधित लेबल क्लेम अनुमोदन हेतु निदेशालय को उपलब्ध कराये ।

संशोधित इण्डिकेशन अनुमोदन होने के उपरान्त ही उक्त औषधियों का निर्माण कार्य प्रारम्भ कर साथ ही यह निर्देशित किया जाता है, कि भविष्य में निदेशालय द्वारा अनुमोदित किये गये विज्ञापन ही मीडिया में प्रकाशन की कार्यवाही की जाय। अन्यथा ड्रग एवं मैजिक रेमेडीज एक्ट 1954 तथा ड्रग एवं कॉस्मेटिक एक्ट 1940 के रुल 170 में दिये गये प्राविधानों के अनुक्रम में आपको प्रदत्त सम्बन्धित योगों की निमा निरस्त कर दी जायेगी। संलग्नक उक्तवत ।

भवदीय
लाईसेसिंग अधिकारी

पतंजलि के उत्पाद व औषधि निर्धारित मानकों के अनुरूप

पतंजलि द्वारा जितने भी उत्पाद व औषधियाँ बनाई जाती हैं, निर्धारित मानकों के अनुरूप सभी वैधानिक प्रक्रियाओं को पूर्ण करते हुए बनाई जाती हैं।
पतंजलि की औषध निर्माण इकाई दिव्य फार्मेसी भी आयुर्वेद परम्परा में सर्वाधिक अनुसंधान व गुणवत्ता के साथ अन्तर्राष्ट्रीय मानकों के अनुरूप औषधि बनाने वाली संस्था है जिसने 500 से अधिक वैज्ञानिकों के सहयोग से प्रिक्लिनिकल व क्लिनिकल ट्रायल के आधार पर जो भी निष्कर्ष निकलता है उसको रोगी के हित के लिए देश के सामने रखा। जो आयुर्वेद के विरोधी हैं, उन्हें अपने अनुसंधान से हमेशा प्रमाण व तथ्यों के साथ जवाब दिया। चिकित्सा के नाम पर भ्रम व भय का जो व्यापार चल रहा है, उस पर सबसे ज्यादा प्रहार किसी ने किया है तो वह है पतंजलि संस्थान।


मीडिया के तहत जो जानकारी मिली है इससे यह स्पष्ट होता है कि इसमें आयुर्वेद विरोधी ड्रग माफियाओं की संलिप्तता दिखती है। हम किसी भी तरह इस षड्यंत्र को सफल नहीं होने देंगे।
इस षड्यंत्र में सम्मिलित आयुर्वेद एवं यूनानी सेवा उत्तराखण्ड द्वारा विभागीय दायित्व को दरकिनार करके षड्यंत्रपूर्वक जिस पत्र को लिखकर 09.11.2022 को मीडिया में प्रायोजित ढंग से प्रसारित किया, उसको अभी तक पतंजलि संस्थान को किसी भी रूप में उपलब्ध नहीं कराया गया है।


विभागीय स्तर पर सम्पर्क करने पर भी अभी तक कोई पत्र या सूचना उपलब्ध नहीं की गई है। मीडिया के द्वारा जिस ‘भ्रामक विज्ञापन’ की बात की जा रही है, उक्त संदर्भ में पतंजलि द्वारा लाइसेन्स अधिकारी, देहरादून, उत्तराखण्ड को पूर्व में ही दिनांक 30.09.2022 को उत्तर दिया जा चुका है। परन्तु अब माननीय उच्च न्यायालय के आदेश का उल्लंघन करते हुए मनमाने ढंग से एकतरफा कार्यवाही करने की सूचना मीडिया से प्राप्त हुई है।


इस संदर्भ में या तो विभाग अपनी गलती को सुधार कर जो व्यक्ति इस षड्यंत्र में सम्मिलित है, उस पर उचित कार्यवाही करे अन्यथा पतंजलि संस्थान को इससे जो संस्थागत हानि हुई है उसकी भरपाई सहित इस षड्यंत्र के जिम्मेदार व्यक्तियों को आपराधिक कृत्य के लिए दण्डित करने हेतु संस्था कानूनी कार्यवाही करेगी।

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