भारतीय चिकित्सा बोर्ड का कार्यकाल खत्म, अपर सचिव बने कंट्रोलर

20 जुलाई को बोर्ड का तीन साल का कार्यकाल खत्म होने पर एक प्रमुख पदाधिकारी नहीं लौटा रहे थे सरकारी वाहन। सचिव चंद्रेश यादव ने लिया कड़ा फैसला

अविकल उत्त्तराखण्ड

देहरादून। शासन ने आयुष शिक्षा में अपर सचिव को  भारतीय चिकित्सा परिषद बोर्ड का कंट्रोलर नियुक्त किया है। बोर्ड का कार्यकाल 20 जुलाई को समाप्त हो गया था। मंगलवार को सचिव चंद्रेश यादव की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि चूंकि बोर्ड के गठन में अभी समय लगेगा। लिहाजा अपर सचिव आयुष को बोर्ड के नियंत्रक की जिम्मेदारी दी जाती है।

गौतलब है कि 20 जुलाई को बोर्ड का कार्यकाल खत्म होने के बाद निवर्तमान अध्य्क्ष डॉ दर्शन सरकारी वाहन का लगातार उप्योग कर रहे थे। बार बार कहने के बावजूद भी सरकारी वाहन वापस नहीं किया गया। इसकी लिखित शिकायत शासन में की गयी। इस मुद्दे का संज्ञान लेते हुए सचिव चंद्रेश यादव ने अपर सचिव को नियंत्रक बना दिया।

शासन के आदेश की मूल भाषा

आयुष एवं आयुष शिक्षा विभाग, उत्तराखण्ड शासन के कार्यालय ज्ञाप संख्या 67 दिनांक 20.07.2018 के द्वारा संयुक्त प्रान्त भारतीय चिकित्सा परिषद अधिनियमन 1939 (संयुक्त प्रान्त अधिनियम सं० 10 वर्ष 1939) की धारा 5 एवं 8 में की गयी व्यवस्थानुसार गठित भारतीय चिकित्सा परिषद बोर्ड का कार्यकाल दिनांक 20.07.2021 को समाप्त हो गया है। चूंकि अधिनियम में की गयी व्यवस्थानुसार नवीन भारतीय चिकित्सा बोर्ड के संघटन में समय लगने की सम्भावना है।

अतएव, संयुक्त प्रान्त भारतीय चिकित्सा अधिनियम, 1939 (यथा संशोधित) 1991) (उत्तराखण्ड राज्य में यथा प्रवृत्त) की धारा 10-A की उपधारा (1) द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुये श्री राज्यपाल भारतीय चिकित्सा परिषद के कार्यों एवं दायित्वों का सुचारू संचालन किये जाने हेतु अपर सचिव, आयुष एवं आयुष शिक्षा, उत्तराखण्ड शासन को अपने वर्तमान पद के दायित्वों के साथ-साथ इस अधिसूचना के गजट में प्रकाशित होने के दिनांक से अग्रिम आदेशों तक के लिए अथवा उक्त धारा की उपधारा (4) के अधीन बोर्ड के पुनर्गठन के अधिसूचित होने तक जो भी पहले हो, उक्त बोर्ड का नियंत्रक नियुक्त किये जाने की सहर्ष स्वीकृति प्रदान करते हैं।

2 राज्यपाल यह भी निर्देश देते हैं कि एतदद्वारा नियुक्त नियंत्रक उक्त अधिनियम के अन्तर्गत बोर्ड के कार्यों का नियमानुसार संचालन करेंगे तथा इस हेतु उन्हें किसी प्रकार के अतिरिक्त वेतन एवं भत्ते अनुमन्य नहीं होंगे।

बोर्ड का गठन 20 जुलाई 2018 को हुआ था। एक अध्य्क्ष व पांच सदस्य बनाये गए थे। देखें पूर्व का आदेश

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