…तो अब शुरू होती है एसटीएफ की अग्निपरीक्षा!

जिला पंचायत सदस्य की अधिकारी फैमिली व नेताओं के साथ नजदीकी रिश्तों से सत्ता के गलियारों में हलचल

जिला पंचायत सदस्य की बैंकाक से लौटने की घड़ी करीब

अब सफेदपोशों पर शिकंजा कसने की बारी

जिला पंचायत सदस्य के रिसॉर्ट में सपत्नीक रुके अधिकारी को लेकर सत्ता के गलियारे सरगर्म

अविकल उत्तराखंड

देहरादून। बहुचर्चित उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग भर्ती घोटाले में जांच एजेंसी एसटीएफ ने बेशक 13 लोगों को गिरफ्तार कर लिया हो लेकिन असली परीक्षा अब शुरू होने जा रही है। इधर, इस मामले से जुड़े कुछ सफेदपोश में विशेष हलचल देखी जारही है। पेपर लीक मामले से जुड़े ऊंची पहुंच वाले एक भाजपा नेता के दो दिन के भीतर उत्तराखंड पहुंचने की उम्मीद है।

बैंकाक में बैठे जिस जिला पंचायत सदस्य का  एसटीएफ बेसब्री से इंतजार कर रही है उस शख्स के भाजपा नेताओं व आलाधिकारियों से भी ठीक ठाक रिश्ते के सबूत आम होते जा रहे हैं। इस मामले की यही मुख्य वजह रही की जांच एजेंसी ने इस नेता के नाम का अभी तक खुलासा नहीं किया। जबकि चर्चाओं में जिस जिला पंचायत सदस्य का नाम आया वह स्वंय ही विभिन्न चैनल स्क्रीन में सामने आकर अपनी पहचान उजागर कर दी। साथ ही स्वंय को बेगुनाह बताते हुए इसे विरोधियों की चाल करार दे रहा है।  मीडिया में उस व्यक्ति के बयान छप व दिख रहे हैं। यह भी कहता नजर आया कि वह अपने रिसोर्ट के लिए कुछ सामान खरीदने बैंकाक आया हुआ है।और जल्दी ही इंडिया आकर अपनी बात कहेगा।

इधर, सूत्रों का कहना है कि जिला पंचायत सदस्य ने अपनी पहचान स्वंय उजागर कर भारी चूक कर दी। चूंकि,एसटीएफ ने उसके नाम का खुलासा नहीं किया था। लिहाजा, जिला पंचायत सदस्य ने सामने आकर जांच एजेंसी का काम आसान कर दिया।

वह शख्स यह भी बता रहा है कि 28/29 जुलाई को वह बैंकाक पहुंचा और 11 अगस्त तक इंडिया वापस आएगा।

इधर, सत्ता के गलियारों में यह भी चर्चा आम हो चली है कि जिला पंचायत सदस्य की एक बड़े अधिकारी से भी बेहतर सम्बन्ध है। कुछ महीने पहले प्रदेश के एक आलाधिकारी के भी इस शख्स के रिसोर्ट में रुकने से मधुर सम्बन्धों की तसदीक भी हो रही है। सूत्रों के मुताबिक  यह अधिकारी सपत्नीक रिसोर्ट में रुके। चर्चा यह भी हैं कि जिला पंचायत सदस्य भी अपनी पत्नी के साथ उक्त अधिकारी की आवभगत में जुटा रहा। दोनों परिवारों की साथ साथ फोटो भी कैमरे में कैद की गई। अधिकारी की पत्नी ने स्थानीय वेशभूषा में फोटो भी खिंचवाई।

इसके अलावा भाजपा के कई नेताओं के साथ भी जिला पंचायत सदस्य  के अच्छे सम्बन्ध हैं। 2020 के आयोग की फारेस्ट गार्ड भर्ती घोटाले में इस जिला पंचायत सदस्य के नाम भी मुकदमा दर्ज हुआ था। लेकिन पार्टी नेताओं के आशीर्वाद से मामला दबा दिया गया। जिला पंचायत सदस्य के कई प्रदेश स्तरीय भाजपा नेताओं के साथ बेहतर सम्बन्ध दर्शाती फोटोज भी उसकी ऊपर तक गहरी पैठ की कहानी बयां कर रही है।

इस बीच, एसटीएफ ने आयोग के अध्यक्ष एस राजू के इस्तीफे के बाद रिटायर्ड परीक्षा नियंत्रक से भी पूछताछ की है। और अब बेसब्री से जिला पंचायत सदस्य की भारत वापसी का इंतजार कर रही है। और यह भी साफ हो गया है कि भाजपा के जिला पंचायत सदस्य की ऊपर तक ठीक ठाक पहुंच है।

इन हालातों में जॉच एजेंसी  एसटीएफ के सामने निकट भविष्य में कई ‘मजबूरियां’ भी सामने आने की उम्मीद है। पेपर लीक मामले में मुकदमा दर्ज होने के बाद से एसटीएफ 13 लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है। लेकिन अब बड़ी मछलियों को पकड़ने की बारी है। ऐसे में जिला पंचायत सदस्य के ‘ऊपर तक रिश्ते’ की परतें खुल पाएंगी इसमें पूरा संदेह बना हुआ है।

हालांकि, सीएम पुष्कर सिंह धामी ने 2025 तक उत्तराखंड को भ्र्ष्टाचार मुक्त करने का संकल्प लिया है। ऐसे में अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के इस पेपर लीक प्रकरण में बड़ी मछलियों को जाल में फांस कर सीएम धामी एक नया पैमाना सेट कर सकते हैं…

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