पीएम मोदी के उत्त्तराखण्ड दौरे से पहले नब्ज टटोल गए भाष्कर खुल्बे

बद्री -केदार के पुनर्निर्माण का जायजा लेने के बाद प्रधानमंत्री के सलाहकार भाष्कर खुल्बे ने सीएम पुष्कर सिंह धामी से की कई खास योजनाओं पर चर्चा

सलाहकार भाष्कर खुल्बे ने पुनर्निर्माण कार्यों में तेजी लाने को कहा

अविकल उत्त्तराखण्ड

देहरादून। पीएम मोदी के संभावित उत्त्तराखण्ड दौरे से पहले उनके सलाहकार भाष्कर खुल्बे कई अहम मुद्दों पर शासन-प्रशासन की नब्ज टटोल गए। खुल्बे बद्री-केदार के पुनर्निर्माण के अलावा कई अन्य खास मुद्दों पर धामी सरकार की तैयारियों को भी परखते नजर आए।

खुल्बे ने गुरुवार की सांय ऋषिकेश में गंगा आरती कर अपने दौरे की शुरुआत की । और बद्री केदार को नमन कर शुक्रवार को सीएम धामी से चर्चा के बाद जरूरी फीडबैक ले दिल्ली लौट गए। उनके साथ केंद्र केंद्र में उपसचिव मंगेश घिल्डियाल समेत अन्य अधिकारी भी मौजूद रहे।

अपने दौरे में सलाहकार भाष्कर खुल्बे ने खास तौर पर पीएम मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट बद्री केदार धाम के पुनर्निर्माण कार्यों की प्रगति का ब्यौरा लिया। 2013 की केदार आपदा में हुए भारी नुकसान के बाद हरीश रावत सरकार में पुनर्निर्माण कार्य शुरू किया गया था। 2017 में भाजपा सरकार आने के बाद केंद्र सरकार ने बद्री केदार के पुनर्निर्माण की महायोजना धरती पर उतारने की पहल की। स्वंय पीएम मोदी ने केदारनाथ में पुनर्निर्माण का संकल्प लिया था। लेकिन बीते चार साल में पुनर्निर्माण कार्यों में अपेक्षित तेजी नजर नहीं आयी। केदार धाम में पूर्व में किये गए निर्माण कार्यों को तोड़कर नये निर्माण शुरू किए गए।

पूर्व सीएम त्रिवेंद्र, तीरथ व मौजूदा सीएम धामी के समय भी स्वंय पीएम मोदी ने वीडियो कॉन्फ़्रेंसिंग के जरिये बद्री केदार धाम में जारी पुनर्निर्माण कार्यों की जानकारी ली थी। इधर, सलाहकार भाष्कर खुल्बे ने पीएम के दौरे से पहले व्यवस्था दुरस्त करने के निर्देश दिये

शासन से जुड़े उच्च स्तरीय सूत्रों का कहना है कि केदार धाम में आदि शंकराचार्य की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा होनी है। इस खास मौके पर पीएम मोदी के अक्टूबर में केदार धाम पहुंचने की पूरी संभावना है। इसी को देखते हुए सलाहकार भाष्कर खुल्बे ने बद्री केदार के दौरे के बाद शुक्रवार की दोपहर सीएम पुष्कर सिंह धामी से इन सभी मुद्दों पर चर्चा की।

सीएम धामी ने कहा कि पीएम मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट बद्री-केदार के पुनर्निर्माण की लगातार समीक्षा जारी है।

पर्वतीय शिल्प कला के अनुरूप हो ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन के स्टेशन

सूत्रों का कहना है कि सलाहकार खुल्बे ने मुख्यमंत्री से केदारनाथ पुनर्निर्माण कार्यों तथा बद्रीनाथ के सौन्दर्यीकरण से सम्बन्धित मास्टर प्लान पर चर्चा की। खुल्बे ने मुख्यमंत्री से ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाईन के अन्तर्गत निर्मित होने वाले स्टेशनों को पर्वतीय शिल्प कला के अनुरूप बनाये जाने की बात कही, उन्होंने कहा कि इससे पर्वतीय क्षेत्र के शिल्पियों को रोजगार के अवसर भी उपलब्ध होंगे।

35 किमी लंबी देहरादून-टिहरी टनल के निर्माण पर जोर

मुख्यमंत्री ने सलाहकार खुल्बे को बताया कि वर्तमान में उत्तराखण्ड की राजधानी देहरादून से विश्वस्तरीय टिहरी झील जाने हेतु मसूरी-चम्बा कोटी कालोनी मोटर मार्ग के द्वारा कुल 105 किमी० की दूरी तय करनी पड़ती है, जिसमें सम्पूर्ण मार्ग पर्वतीय क्षेत्र में होने के कारण लगभग 3.30 घण्टे का समय लगता है। उक्त टनल देहरादून के राजपुर के निकट से प्रस्तावित है, जो कि टिहरी झील के निकट कोटी कालोनी में समाप्त होगी। टनल की कुल लंबाई लगभग 35 किमी० आयेगी। टनल के निर्माण की अनुमानित लागत 8750 करोड़ रूपए आयेगी।

सीएम ने कुमाऊं के लिए मांगा एम्स

मुख्यमंत्री ने कहा कि एम्स ऋषिकेश होने के पश्चात भी राज्य के पर्वतीय दूरदराज कुमाऊं मंडल के इलाके, भौगोलिक दूरी होने के कारण सुपरस्पेशियलिटी स्वास्थ्य सेवाओं से वंचित हैं।राज्य के कुमाऊं मंडल में एम्स की स्थापना करने से कुमाऊं के नागरिकों के साथ ही उत्तर प्रदेश के निकटवर्ती जनपदों के लोगों को भी विश्वस्तरीय चिकित्सा सुविधायें उपलब्ध होगी। एम्स के लिए भूमि उत्तराखंड राज्य सरकार द्वारा उपलब्ध कराई जाएगी। पूर्व में भी एक राज्य में दो एम्स जैसे विश्व स्तरीय संस्थान स्थापित किए गये हैं।

टनकपुर-बागेश्वर रेल लाइन के सामरिक महत्व पर चर्चा

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के क्षेत्रीय सामाजिक सांस्कृतिक तथा पर्यटन के विकास और सामरिक दृष्टिकोण से रेल मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा टनकपुर और बागेश्वर के बीच नैरो गेज रेलवे लाइन हेतु सर्वे का आदेश निर्गत किया गया है। यह लाइन ब्राडगेज में होनी चाहिये। चीन और नेपाल की अंतर्राष्ट्रीय सीमा के निकट स्थित होने के कारण यह रेल लाईन सामरिक रूप से बहुत महत्वपूर्ण है।

साथ ही यह नये व्यापार केन्द्रों को भी जोड़ेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि सामरिक उद्देश्य और सीमांत जनपदों के विकास की आवश्यकता को देखते हुए टनकपुर बागेश्वर रेलवे लाईन का नैरोगेज की बजाय ब्राडगेज लाईन का सर्वे किया जाए।

ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना से पहाड़ की आर्थिकी में होगा बदलाव

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि चार धाम सड़क परियोजना के साथ ही ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी की उत्तराखण्ड को बड़ी देन है। वह समय दूर नहीं, जब पहाड़ में रेल का सपना पूरा होगा। इससे राज्य की आर्थिकी में बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा। मार्च 2024 तक परियोजना को पूर्ण किए जाने के लक्ष्य के साथ काम किया जा रहा है। ऋषिकेश के बाद परियोजना मुख्यतः अंडरग्राउंड है। भूमि अधिग्रहण किया जा चुका है। इस रेल लाइन पर 12 स्टेशन और 17 टनल बनाये जा रहे हैं। काम निर्धारित समयावधि में पूरा किया जा सके, इसके लिए विभिन्न स्थानों पर एक साथ काम चल रहा है।

सात अक्टूबर को जॉलीग्रांट एयरपोर्ट के नए टर्मिनल का होगा उदघाटन

मुख्यमंत्री ने कहा कि आगामी 7 अक्टूबर को जौलीग्रांट, देहरादून में बने नये टर्मिनल का लोकार्पण किया जायेगा। हेली समिट के दौरान देहरादून-पंतनगर-पिथौरागढ़-पंतनगर- देहरादून हवाई सेवा का फ्लैग ऑफ भी किया जायेगा। यह सेवा पवनहंस द्वारा दी जायेगी। देहरादून-पिथौरागढ़ हेली सेवा को जल्द स्वीकृति दिये जाने तथा नैनीसेनी हवाई पट्टी के विस्तार की उन्होंने जरूरत बतायी।

उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड में उड़ान के तहत देहरादून -श्रीनगर-देहरादून, देहरादून- गौचर- देहरादून, हल्द्वानी-हरिद्वार हल्द्वानी, पंतनगर-पिथौरागढ़-पंतनगर, चिन्यालीसौड़ - सहस्त्रधारा-चिन्यालीयौड़, गौचर-सहस्त्रधारा -गौचर, हल्द्वानी -धारचूला- हल्द्वानी तथा गौचर - सहस्त्रधारा - गौचर हेली सेवाओं को स्वीकृति प्रदान की गई है। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड के लिए जो 13 हेलीपोर्ट चिन्हित किये गये हैं, उनमें से 11 की डीपीआर तैयार हो चुकी है। उन्होंने कहा कि देहरादून-पिथौरागढ़ हेली सेवा शुरू होने से सीमान्त क्षेत्र पिथौरागढ़ के विकास के लिए यह मील का पत्थर साबित होगा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन एवं केन्द्र सरकार के सहयोग से राज्य में कनेक्टिविटी के क्षेत्र में तेजी से विकास हो रहा है।

जीएसटी क्षतिपूर्ति जून 2022 से आगे बढ़ाने की मांग

मुख्यमंत्री ने कहा कि जी.एस.टी. क्षतिपूर्ति दिये जाने की अवधि जून 2022 में समाप्त हो रही है, राज्य की आर्थिक स्थिति की मजबूती के लिये जी.एस.टी कन्सेसन की अवधि को बढ़ाया जाना राज्य हित में है। इस सम्बन्ध में केंद्र से आवश्यक सहयोग का अनुरोध भी मुख्यमंत्री ने किया है।

पीएम के सलाहकार भाष्कर खुल्बे से बैठक के दौरान मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. सन्धु, अपर मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन, सचिव दिलीप जावलकर, विशेष सचिव मुख्यमंत्री डॉ. पराग मधुकर धकाते, प्रधानमंत्री कार्यालय के उप सचिव मंगेश घिल्डियाल भी मौजूद रहे।

  सीएम पुष्कर सिंह धामी से कई मुद्दों पर मंथन से पुनर्निर्माण व अन्य लंबित विकास योजनाओं  में अपेक्षित तेजी आने की उम्मीद नजर आ रही है।

पीएम मोदी के सलाहकार खुल्बे ने लंबित योजनाओं पर केंद्रीय स्तर से हरसम्भव सहयोग देने का भरोसा देते हुए बद्री-केदार पुनर्निर्माण कार्यों में तेजी लाने पर जोर दिया। खुल्बे के दौरे से शासन-प्रशासन में विशेष हलचल देखी गयी।

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