करप्शन के आरोपी जीएम ने मांगी मनचाही पोस्टिंग, हुआ सस्पेंड

गन्ना सचिव व उत्त्तराखण्ड शुगर्स के प्रशासक चंद्रेश यादव ने किया निलंबित

श्री आर०के० सेठ, मुख्य अभियन्ता को उनके द्वारा की गई नियमों की अवेहलना एवं आचरण और अनुशासन के उल्लंघन का प्रथम दृष्टयता दोषी पाये जाने पर तत्काल प्रभाव से निलम्बित किया जाता है।

नादेही चीनी मिल में कई करोड़ों की गड़बड़ी। 5 हजार कुंतल चीनी चोरी कर बेच दी थी। फर्जी बिल भी लगाए। आरोप पत्र भी हुआ था जारी

मिल समिति की गाडी ₹ न० यूके 18-9990 ) 1,70,000 से अधिक किमी चली। इतने किमी कहाँ-कहाँ चली है । जबकि चीनी मिल मे 3 गाडियां हैं। यह भी जांच का विषय है।

चीनी घोटाले की जांच के आदेश

स्पेशल ऑडिट में पुष्ट हुए वित्तीय गड़बड़ी के आरोप

पदभार ग्रहण न करने पर स्वेच्छाचारिता का भी दोषी पाया गया

अविकल उत्त्तराखण्ड/विशेष पड़ताल

देहरादून। गन्ना सचिव चंद्रेश यादव ने नादेही चीनी मिल में करोड़ों की हेराफेरी करने व पोलिटिकल प्रेशर के जरिये नियमविरुद्ध मनचाही पोस्टिंग के जुगाड़ में लगे  महाप्रबंधक आर के सेठ को निलंबित कर दिया है। सेठ ने अपनी ड्यूटी से गैरहाजिर रहते हुए राजनीतिक प्रभाव का इस्तेमाल किया जबकि उत्त्तराखण्ड शुगर्स में मुख्य अभियंता आर के सेठ की डेपुटेशन अवधि भी समाप्त हो गयी थी।

स्पेशल ऑडिट में आर के सेठ पर नादेही चीनी मिल में  जीएम रहते हुए वित्ति गड़बड़ी के आरोप पुष्ट होने के बाद शुगर फेडरेशन ने पदानवत कर बाजपुर चीनी मिल भेजा था। लेकिन वहां के जीएम ने इन्हें ज्वाइन नहीं कराया। इन्हें फिर नादेही भेजा गया तो वहां के जीएम ने जांच प्रभावित होने की आशंका जताई थी।

सूत्रों के मुताबिक भ्र्ष्टाचार के आरोपी  मुख्य अभियंता व जीएम आरके सेठ ने  एक मंत्री के जरिये फेडरेशन के देहरादून हेड आफिस में  महाप्रबंधक बनने का जुगाड़ भी कर लिया था। और फ़ाइल भी तैयार करवा ली थी।  लेकिन जिस पद पर सेठ अपनी तैनाती चाह रहे थे वह पद शासन से मंजूरी भी नहीं है।

इधर, भ्र्ष्टाचार के पुष्ट आरोपों में घिरे सेठ को मनचाही पोस्टिंग के लिए राजनीतिक दबाव बनाने की वजह से निलंबित कर दिया गया।  गन्ना सचिव ने  इस मामले की जांच व पुराने मामलों की जांच साथ साथ करने के भी आदेश दिए।

डेपुटेशन पर उत्त्तराखण्ड शुगर्स में आये मुख्य अभियंता व जीएम आर के सेठ के खिलाफ पहले से ही गंभीर भ्र्ष्टाचार के मामले की जांच चल रही थी। स्पेशल ऑडिट में करोड़ों रुपए के गोलमाल की पुष्टि भी हुई। । यह जांच किच्छा चीनी मिल की अधिशासी निदेशक रुचि मोहन रयाल ने की थी।

आर के सेठ पर पूर्व में सरकारी आदेश नहीं मानने के भी आरोप लगे थे। जांच रिपोर्ट में कुछ खास तथ्य भी हाथ लगे । कुछ साल पहले अपने पद से इस्तीफा देने के एक साल बाद तत्कालीन गन्ना सचिव से साठ गांठ कर फिर  गदरपुर चीनी मिल में जॉइन किया । यही नहीं, सर्विस ब्रेक होने बाद भी प्रमोशन तक भी लिए। जांच रिपोर्ट में साफ लिखा है कि तत्कालीन गन्ना सचिव से मिलीभगत कर विभागीय लाभ लिए गए।

जांच रिपोर्ट में साफ लिखा है कि मुख्य अभियंता आर के सेठ ने 30 साल की नौकरी में 15 साल नादेही चीनी मिल में नौकरी की।

निलंबन का आदेश

श्री आर०के० सेठ, मुख्य अभियन्ता / तत्कालीन प्रधान प्रबन्धक नादेही चीनी के विरुद्ध शासन एवं मा० मुख्यमंत्री कार्यालय अनुभाग से प्राप्त विभिन्न शिकायती पत्रों जिनके द्वारा श्री आर०के० सेठ, मुख्य अभियन्ता / तत्कालीन प्रधान प्रबन्धक नादेही चीनी मिल के विरुद्ध गम्भीर भ्रष्टाचार एवं घोटालों की शिकायतें प्राप्त हुई थी तथा नादेही चीनी मिल हेतु विशेष ऑडिट रिपोर्ट में प्रकाश में आयी वित्तीय अनियमितताओं के दृष्टिगत इस कार्यालय के कार्यालय ज्ञाप सं0 570 / पी 12(i) / 2021-22 दिनांक 07.07.2021 के द्वारा श्री सेठ के विरुद्ध विभागीय अनुशासनिक कार्यवाही करते हुये श्रीमति रुचि मोहन रयाल, अधिशासी निदेश्क, किच्छा चीनी मिल को जाँच अधिकारी नामित करते हुये सक्षम प्राधिकारी / प्रशासक उत्तराखण्ड शुगर्स के अनुमोदनोपरान्त आरोप पत्र जारी किया गया है।

2. श्री आर०के० सेठ, मुख्य अभियन्ता को कार्यालय ज्ञाप सं 587 / पी-40/ 2021-22 दिनांक 09.07.2021 के द्वारा पूर्व निर्गत आदेश सं0 552 / पी – 40 / 2021-22 दिनांक 05.07.2021 संशोधन करते हुये उन्हें नादेही चीनी मिल स्थानान्तरित किया गया एवं चूंकि श्री सेठ के विरुद्ध नादेही चीनी मिल से संबंधित भ्रष्टाचार एवं घोटालों की जाँच चल रही है, के दृष्टिगत उन्हें इस कार्यालय के कार्यालय ज्ञाप सं० 588 / पी-40 / 2021-22 दिनांक 09.07.2021 के द्वारा बाजपुर चीनी मिल से संबद्ध किया गया।

3. श्री आर0के0 सेठ, मुख्य अभियन्ता द्वारा इस कार्यालय के उपरोक्त आदेशों के अनुपालन मे अपने वर्तमान तैनाती स्थल नादेही चीनी मिल में अद्यतन अपना कार्यभार ग्रहण नहीं किया है। श्री सेठ का उक्त कृत्य उच्चाधिकारियों के आदेशों की अवेहलना तथा उनकी स्वेच्छाचारिता का परिचायक है। श्री सेठ द्वारा नियुक्त प्राधिकारी अथवा प्राधिकृत किसी अन्य अधिकारी की अनुमति के बिना अपनी ड्यूटी से अनुपस्थित रहते हुये राजनीतिक प्रभाव का प्रयोग करते हुये उनके विरुद्ध गतिमान विभागीय जाँच को प्रभावित करने एवं कार्यालय उत्तराखण्ड शुगर्स में महाप्रबन्धक के पद जिस पर उनकी प्रतिनियुक्ति समाप्त हो गई हैं, पर कुचेष्टा कर अनाधिकृत नियमविरुद्ध तैनाती किये जाने का दबाव डालने का प्रयास किया गया है।

4. श्री सेठ का उक्त आचरण उत्तरप्रदेश सहकारी चीनी मिल संघ लि०, कर्मचारी सेवानियमावली 1988 ( उत्तराखण्ड राज्य यथाप्रवृत्त) के नियम 35 36, 41, 42 के स्पष्ट उल्लघंन मे है। श्री सेठ का उक्त कृत्य साबित होने पर उन्हे दीर्घशास्ति दी जा सकती है। श्री आर०के० सेठ, मुख्य अभियन्ता को उनके द्वारा की गई नियमों की अवेहलना एवं आचरण और अनुशासन के उल्लंघन का प्रथम दृष्टयता दोषी पाये जाने पर तत्काल प्रभाव से निलम्बित किया जाता है।

निलम्बन की अवधि मे श्री सेठ को उत्तरप्रदेश सहकारी चीनी मिल संघ लि० कर्मचारी सेवानियमावली 1988 ( उत्तराखण्ड राज्यमयथाप्रवृत्त के नियम 51 ( 4 ) (क) के अनुसार वेतन एवं उस पर देय महंगाई भत्ते के आधे के बराबर जीवन निर्वाह भत्ता उनके मूल तैनाती स्थल नादेही चीनी मिल से नियमानुसार आहरित किया जायेगा।

उक्तानुसार बिन्दु 03 एवं 04 में लगाये गये आरोपों को इस कार्यालय के कार्यालय ज्ञाप सं० 570 / पी-12 (III) / 2021-22 दिनांक 07.07.2021 के द्वारा श्री सेठ के विरुद्ध की जा रही जाँच में प्राधिकारी / नियुक्ति प्राधिकारी / प्रशासक उत्तराखण्ड शुगर्स के अनुमोनोपरान्त निर्गत किये गये। आरोप पत्र दिनांकित 16.07.2021 मे अनुपूरक आरोप पत्र के रूप में सम्मिलित करते हुये इसकी भी जाँच हेतु श्रीमति रुचि मोहन रयाल, अधिशासी निदेशक, किच्छा चीनी मिल को जाँच अधिकारी नामित किया जाता है।

गंभीर आरोपों के बाद सात जुलाई को कार्रवाई की हुई थी संस्तुति

मा० मुख्यमंत्री कार्यालय अनुभाग एवं शासन से प्राप्त पत्रों कमशः पत्र संख्या 972 / XIV 2/2017, दिनांक 22.09.2017. पत्र संख्या VIP (M)/(A) 1496/XXXV-1/2017 (1) दिनांक 28.08.2017 पत्र संख्या 490 / XIV-2 / 2019/13(01)/2019, दिनांक 02.09.2019 पत्र संख्या 19 / VIP (M /XIV 2/2019/05(03)2017, दिनांक 06.09.2019 एवं पत्र संख्या 622/XIV-2/2019/13(01)/2019, दिनांक 14.10.2019 के द्वारा श्री आर०के० सेठ, मुख्य अभियन्ता / तत्कालीन प्रधान प्रबन्धक किसान सहकारी चीनी मिल नादेही के विरुद्ध नादेही चीनी मिल में प्रधान प्रबन्धक के रूप में उनके कार्यकाल के दौरान किये गये भ्रष्टाचार एवं घोटालों के संबंध में निम्नवत बिन्दु 01 से बिन्दु 07 तक पर आरोपों का उल्लेख करते हुये श्री आर0के0 सेठ के विरुद्ध तत्काल कार्यवाही किये जाने का अनुरोध किया

नादेही चीनी मिल की नयी व पुरानी चीनी जो कि गोदाम में है, उसमे 5000 कु० से अधिक चीनी चोरी करके बेच दी गयी हैं। इस चोरी को छिपाने के लिये इनके द्वारा चीनी के कटटों का फड़वाकर चीनी बिखेर दी गई है ताकि चीनी की चोरी पकड़ी न जा सके। जबकि प्लास्टिक के कटटों मे कुण्डी नही लगती है। इस तरह करोंडो रु० का घोटाला किया गया है। इस चीनी मिल में चीनी की चोरी करने के उददेश्य से मिल गेट पर आवश्यक दस्तावेज दिये बिना गाड़ियाँ बाहर निकाल दी जाती हैं।

श्री आर0के सेठ वर्ष 2008 मे सितारगंज चीनी मिल में सहायक अभियन्ता के पद पर कार्यरत थे। इन्होने वहाँ वर्ष 2007-08 के सीजन में फरवरी, 2008 मे नौकरी से त्याग पत्र दे दिया था। लगभग एक वर्ष बाहर रहने के बाद इन्होने पूर्व शुगर सैकेटरी श्री विनोद शर्मा से सांठ बांठ कर पुनः चीनी मिल गदरपुर मे ज्वाइन किया। इस एक वर्ष की सर्विस ब्रेक होने के बावजूद भी यह उप मुख्य अभियन्ता, मुख्य अभियन्ता, प्रधान प्रबन्धक और अन्ततः महाप्रबन्धक के पद पर कैसे प्रोन्नत हो गये, जाँच का विषय है।

अब तक के सेवाकाल लगभग 30 वर्ष मे से 15 वर्ष से अधिक यह नादेही चीनी मिल मे ही लगातार विभिन्न पदों पर पदास्थापित रहें है। मिल मे कय किये जाने वाले सामान मे फर्जी बिल लगाये जाते हैं। इन बिलों की जाँच अत्यंत आवश्यक है।

पेराई सत्र 2017-18 में इस चीनी मिल क्षेत्र मे 60 प्रतिशत अर्ली गन्ना होने पर रिकवरी 10.60 आयी थी, बाजपुर चीनी मिल में रिकवरी 9.50 आयी थी। इस वर्ष 2018-19 मे अर्ली गन्ना 90 प्रतिशत होने के बावजूद रिकवरी 10.61 आई है जबकि बाजपुर चीनी मिल की रिकवरी 10.57 आई ।अर्थात इस चीनी मिल मे चीनी पर्ता कम दिखाकर चीनी घोटाला किया गया है, इसकी जाँच की जायें।

मिल समिति की गाडी न० यूके 18-9990 अब तक 1,70,000 से अधिक किमी चल चुकी है इतने किमी कहाँ-कहाँ चली है इसकी जाँच की जॉय, जबकि चीनी मिल मे 3 गाडियां हैं।

आउटसोर्ससिंग वर्करों को कागजों में ज्यादा दिखाकर कम वर्करों से काम लिया जाता है, इसी तरह सिक्योरिटी में भी भारी गडबड़ की जाती है। जाँच की जानी आवश्यक है।

जांच आदेश का मूल सार

2. श्री आर० के० सेठ, मुख्य अभियन्ता / तत्कालीन प्रधान प्रबन्धक नादेही चीनी मिल के विरुद्ध की गई उपरोक्त शिकायत पर मा० मुख्य मंत्री जी द्वारा अपने पृष्ठांकन “(प्रकरण की गम्भीरता के दृष्टिगत जाँच कराकर कार्यवाही हेतु प्रस्तुत करे, के क्रम में शासनादेश देश सं0 451 Xiv-2/ 2018 / 7(03) /2018 दिनांक 12.6.2018के प्रस्तर 05 में दिये गये निर्देशों, जिसके अन्तर्गत चीनी मिलो के विशेष ऑडिट कराये जाने का उल्लेख किया गया है, के अनुपालन में नादेही चीनी मिल में शासन द्वारा कराये जाने वाले विशेष ऑडिट के निष्कर्षों के उपरान्त कार्यवाही किये जाने का निर्णय लिया गया था।

3. अब चूंकि सचिव वित्त उत्तराखण्ड शासन द्वारा अपने पत्र सं0 164 / Xxxvii (141)/2020 दिनांक 29.10.2020 के माध्यम से नादेही चीनी मिल में वर्ष 2016-17 के वर्ष 2018-19 तक की अवधि के लिये कराई गई विशेष लेखा परीक्षा के उपरान्त पाई गई अनियमिताओं के संबंध में बिन्दु-01 से बिन्दु-26 तक पर विस्तृत ऑडिट आख्या प्रेषित की गई है।

4 अतः शासन द्वारा प्रेषित उपरोक्त ऑडिट रिपोर्ट के अवलोकनोपरान्त श्री आर0के0 सेठ, मुख्य अभियन्ता / तत्कालीन प्रधान प्रबन्धक नादेही चीनी मिल के विरुद्ध गम्भीर भ्रष्टाचार एवं वित्तीय अनियमितताओं के आरोपएवं प्रकरण की गम्भीरता को दृष्टिगत रखते हुये श्री आर०के० सेठ के विरुद्ध नादेही चीनी मिल में प्रधान प्रबन्धक के रूप में उनके कार्यकाल के दौरान किये गये भ्रष्टाचार एवं घोटालों के संबंध अनुशासनात्मक काग्रवाही करने हेतु विभागीय जांच कराने का निर्णय लिया गया है। इसके लिये श्रीमति रुचि मोहन रयाल, अधिशासी निदेशक, किच्छा चीनी मिल को जाँच अधिकारी नामित किया जाता है।

Pls क्लिक, यह भी पढ़ें

उत्त्तराखण्ड कांग्रेस गढ़वाल-कुमायूँ की जंग

कांग्रेस में उठा गढ़वाल-कुमायूँ का तूफान,फैसले पर प्रवक्ता की तीखी टिप्पणी

अटल उत्कृष्ट विद्यालय- देखें शिक्षक स्क्रीनिंग टेस्ट का रिजल्ट

Total Hits/users- 30,52,000

TOTAL PAGEVIEWS- 79,15,245

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *