…ऐसे शादी के बन्धन में बंधे तो मिलेंगे पूरे 50 हजार, बहुगुणा सरकार का आदेश चढ़ा परवान

पूर्व सीएम विजय बहुगुणा कार्यकाल के अंतरजातीय व अंतर्धार्मिक विवाह को बढ़ावा देने संबंधी फैसले का क्रियान्वयन

यूँकि,ऐसे की शादी तो राष्ट्रीय एकता की भावना बढ़ेगी और जातपांत का भेद भी मिटेगा। 1976 में उत्तर प्रदेश सरकार ने किया था शासनादेश

टिहरी जिला समाज कल्याण अधिकारी ने जारी किया प्रेस नोट

विभाग ने कहा, अंतरजातीय व अंतर्धार्मिक विवाह से राष्ट्रीय एकता की भावना बढ़ेगी और जातपांत का भेद भी मिटेगा

अविकल उत्त्तराखण्ड

टिहरी। देश में जारी लव जेहाद व धर्मांतरण के गर्म माहौल में उत्त्तराखण्ड की भाजपा सरकार में पुराने आदेश को अमलीजामा पहनाते हुए अंतर्धार्मिक व अंतरजातीय विवाह को नये सिरे से बढ़ावा देने की पहल शुरू हुई है। साथ ही सरकार की ओर से इस नियम में बदलाव की बात भी कही जा रही है।

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इस योजना के बाबत समाज कल्याण विभाग के अधिकारी के प्रेस नोट से शासन में योजना के क्रियान्वयन के बाबत परीक्षण शुरू हो गया है। प्रेस नोट में साफ कहा गया है कि अंतरजातीय व अंतर्धार्मिक विवाह देश व समाज में राष्ट्रीय एकता की भावना जगाने में सहायक सिद्ध होते हैं। और ऐसे दम्पत्तियों को उत्त्तराखण्ड सरकार 50 हजार प्रोत्साहन राशि मिलेगी।

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टिहरी जिला समाज कल्याण अधिकारी का प्रेस नोट

पूर्ववर्ती विजय बहुगुणा सरकार में 27 जनवरी 2014 के संशोधित शासनादेश के तहत अंतरजातीय व अंतर्धार्मिक विवाह किए दम्पत्तियों को विभिन्न जिलों में प्रोत्साहन राशि भी मिल चुकी है। एक बार फिर इस पत्र के जरिये टिहरी जिले में इस विशेष श्रेणी के जोड़ों को प्रोत्साहन राशि देने के लिए आवेदन पत्र मांगे गए हैं।

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27 जनवरी 2014 तत्कालीन बहुगुणा सरकार का आदेश

16 जुलाई 1976 के उत्तर प्रदेश शासन के आयुक्त एवं सचिव सत्यप्रकाश भटनागर के अंतरजातीय व अंतर्धार्मिक विवाह सबंधी शासनादेश (संलग्न )के संदर्भ में ही पूर्ववर्ती विजय बहुगुणा सरकार में प्रमुख सचिव एस राजू ने प्रोत्साहन राशि 10 हजार से बढ़ाकर 50 हजार की थी। यह संशोधित फैसला 27 जनवरी 2014 को किया गया था।

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1976 में यूपी सरकार का शासनादेश

उत्त्तराखण्ड समाज कल्याण विभाग की इस योजना के तहत अगर आप अंतरजातीय व अंतर्धार्मिक विवाह कर रहे हैं तो आपका देश में राष्ट्रीय एकता व सामाजिक एकता की भावना पैदा करने में विशेष योगदान होगा।

टिहरी के जिला समाज कल्याण अधिकारी दीपांकर घिल्डियाल ने मीडिया को एक प्रेस नोट जारी किया है (संलग्न)। पत्र में साफ कहा गया कि अंतरजातीय व अंतर्धार्मिक विवाह  से राष्ट्रीय व भिन्न भिन्न परिवारों में एकता की भावना पैदा होगी और जाति पांति का भेद भी मिटेगा।

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अंतर्जातीय व अंतर धार्मिक विवाह राष्ट्रीय एकता की भावना जगाने व सामाजिक एकता बढ़ाने में काफी सहायक सिद्ध होते हैं।  जिला समाज कल्याण अधिकारी दीपांकर घिल्डियाल के पत्र में कहा गया है कि  अंतर धार्मिक विवाह संघ व ब्यूरो से मान्यता प्राप्त मंदिर- मस्जिद – गिरजाघर में संपन्न हुआ हो।

यदि आप अन्तर्जातीय व अंतर्धार्मिक विवाह कर रहे हैं  विवाहित दंपति को समाज कल्याण विभाग ₹50 हजार प्रोत्साहन राशि देगा। लेकिन अंतरजातीय विवाह में प्रोत्साहन राशि 50 हजार लेने के लिए दूसरा पद अनुसूचित जाति का होना जरूरी है। नियम में अंतर्धार्मिक विवाह में धर्मांतरण को खारिज किया गया है।

ध्यान रहे कि अंतरजातीय व अंतर्धार्मिक विवाह के साल भर के अंदर आवेदन करने पर ही 50 हजार प्रोत्साहन राशि मिलेगी। मोदी सरकार भी दलित से शादी करने पर 2.5 लाख की प्रोत्साहन राशि दे रही है। अन्य राज्यों में भी ऐसे विवाह पर प्रोत्साहन राशि देने की योजना है।

प्रोत्साहन राशि के लिए आवेदन पत्र निशुल्क टिहरी समाज कल्याण विभाग में मिलने शुरू हो गए हैं।
इस पत्र के बाद शासन गहरी उधेड़बुन में दिख रहा है। दरअसल, भाजपा नेतृत्व लव जेहाद पर सख्त रवैया अपनाए हुए है। ऐसे में कांग्रेस शासन में मुख्यमंत्री रहे विजय बहुगुणा के जमाने के इस फैसले को भाजपा कार्यकाल में हवा मिलने से सत्ता के गलियारे में असमंजस देखा गया। हालांकि, पूर्व सीएम विजय बहुगुणा 2016 में  भाजपा में शामिल हो गए थे।

जिला समाज कल्याण अधिकारी दीपांकर घिल्डियाल की भी शासन से चर्चा की खबर है। शासन इस मुद्दे पर परीक्षण की बात कह रहा है।

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