सरकार की नजर में पशु चिकित्सक -कर्मी कोरोना वारियर नहीं, सीएम को भेजा पत्र

राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद ने कहा, ग्राउंड में काम कर रहे कर्मचारियों को टीकाकरण में वरीयता मिले

उत्त्तराखण्ड पशुपालन विभाग के  कार्मिक बिना कोरोना टीकाकरण के ही राष्ट्रीय कार्यक्रमों (NAIP, NADCP, INAPH, Livestock Insurance) में अपनी सेवायें देने हेतु बाध्य है लेकिन फ्रंटलाइन कोविड वारियर्स हेतु अनुमन्य टीकाकरण एवं अन्य सुविधाओं से वंचित हैं

अविकल उत्त्तराखण्ड

देहरादून। इस खतरनाक व जानलेवा कोविड महामारी में उत्त्तराखण्ड पशुपालन विभाग के चिकित्सक व कर्मियों को न तो फ्रंटलाइन वर्कर जो घोषित किया गया है और न ही कोरोना वारियर्स। गौरतलब है कि मार्च 2020 में पूर्ण लॉकडौन की दौरान पशुपालन विभाग ने बेजुबान लावारिस जानवरों के भोजन के लिए लगभग 50 दिन रसोई भी चलाई थी। इससे भूखे प्यासे सैकड़ों जानवरों को भोजन नसीब हुआ था।

इधर, राजस्थान व उड़ीसा समेत अन्य राज्यों में पशुपालन विभाग के कर्मियों को भो फ्रंटलाइन वर्कर मानते हुए टीकाकरण आदि में छूट मिली है। सरकार के रवैये से नाराज पशुपालन राज्य कर्मचारी संघ ने सीएम तीरथ सिंह रावत को पत्र भेजा है। पत्र में कहा गया है की भारत सरकार एवं राज्य सरकार द्वारा कोविड कर्फ्यू की अवधि में पशुपालन विभाग द्वारा दी जा रही सेवाओं को आवश्यक सेवाओं के रुप में चिन्हांकित किया गया है।

उत्त्तराखण्ड राज्य पशु चिकित्सा संघ के प्रदेश अध्यक्ष डॉ कैलाश उनियाल

उत्त्तराखण्ड राज्य पशु चिकित्सा संघ के प्रदेश अध्यक्ष डॉ कैलाश उनियाल व महासचिव डॉ आशुतोष जोशी का कहना है कि पशुपालन विभाग के पशुचिकित्साविदों, वेटनरी फार्मेसिस्टों, पशुधन प्रसार अधिकारियों, वैक्सीनेटर्स, पशुधन सहायकों एवं स्वच्छकों द्वारा बीते एक साल से कोरोना महामारी की अवधि में विभागीय संस्थाओं एवं  पशुपालकों के द्वार पर आपातकालीन पशुचिकित्सा, टीकाकरण एवं कृत्रिम गर्भाधान की सेवायें दी जा रही हैं।

उन्होंने कहा कि इस दौरान हमारे अनेकों कार्मिक कोरोना महामारी से ग्रस्त हुए हैं। पशुपालन विभाग के विभागीय कार्मिक बिना कोरोना टीकाकरण के ही राष्ट्रीय कार्यक्रमों (NAIP, NADCP, INAPH, Livestock Insurance) हेतु भी अपनी सेवायें देने हेतु बाध्य है तथा फ्रन्टलाईन कोविड वारियर्स हेतु अनुमन्य टीकाकरण एवं अन्य सुविधाओं से भी वंचित हैं।

डॉ उनियाल ने कहा कि मुख्य सचिव के 9 मई के आदेश में  राज्य के पशुपालन विभाग अन्तर्गत कार्यरत समस्त संस्थाओं को खुला रखा जाने  व आवश्यक आपातकालीन सेवाऐं वाले विभागों के समस्त निदेशालयों को खुला रखे जाने के निर्देश दिये गये हैं।

पशुपालन विभाग के अतिरिक्त राज्यान्तर्गत समस्त मानव चिकित्सालयों, पेयजल, बिजली, टेलीफोन, परिवहन, नगर निकायों, बैंकों, पोस्ट ऑफिस, औषधि विक्रेताओं, ए०टी०एम०, पेट्रोल पम्पों, घरेलु जैसे आवश्यक संस्थाओं को खुला रखे जाने का निर्णय लिया गया है।

सीएम को भेजे पत्र में पशुपालन विभाग के चिकित्सकों एवं सहयोगी कार्मिकों द्वारा पशुपालक किसानों के द्वार पर गांव में जाकर पशुचिकित्सा, टीकाकरण, कृत्रिम गर्भाधान, बधियाकरण, पशुबीमाकरण, टैगिंग, दवापान, दवास्नान गर्भ की जांच, बांझपन चिकित्सा जैसी सेवाऐं दी जाती है। ऐसी स्थिति में पशुपालन विभाग के कार्मिकों द्वारा जाने अनजाने में कोरोना महामारी की चपेट में आ सकते हैं।

पशुपालन विभाग के कार्मिकों को फ्रंटलाइन कोविड वॉरियर के रूप में मान्यता देते हुए बीमाकरण एवं अन्य सुविधाएं मुहैया कराई जाय।

लिहाजा, पशुपालन विभाग के पशुचिकित्साविद एवं अधीनस्थ कार्मिकों द्वारा अतिआवश्यक पशुचिकित्सा सेवाऐं (Emergency Veterinary Services) ही दिये जाने तथा यथासम्भव कन्टेन्मेंट जोन अथवा महामारी की आशंकाग्रस्त क्षेत्रों में भ्रमण न किये जाने के बाबत आवश्यक आदेश जारी करने की कृपा करेंगे।

ग्राउंड में काम कर रहे कर्मचारियों को टीकाकरण में वरीयता मिले

राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद की हाइट और कोर कमेटी की एक ऑनलाइन बैठक की गई ।बैठक में कहा गया कि प्रदेश मे निदेशालय के अतिरिक्त विभिन्न कार्यालयों को बंद कर दिया गया है किंतु  वर्तमान में जनपदों में कार्यरत विकास कर्मी यथा उद्यान ,कृषि, डीआरडीए, तहसील, खाद्य एवं रसद आदि के कर्मचारी कोविड-19 के नियंत्रण कक्ष से लेकर कोविड-19 लिए स्थापित स्थानों पर अथवा कंटेनमेंट जोन में अपनी सेवाएं लगातार दे रहे है।

बैठक में सरकार द्वारा कोविड-19 के टीकाकरण को लेकर कार्मिकों के मध्य किए जा रहे भेदभाव पर चिंता व्यक्त की गई है व रोष व्यक्त किया गया। क्योंकि परिषद द्वारा मांग की गई थी कि प्रदेश में जो भी कार्मिक कोविड-19 फील्डर स्तर पर, स्थानीय स्तर पर कार्य कर रहा है उसे एवं उसके परिवार को टीकाकरण में प्राथमिकता दी जाए। राज्य सरकार द्वारा अभी तक इस पर कोई निर्णय नहीं किया गया है जिससे कि कार्मिक में अधिक रोष है। क्योंकि प्रतिदिन कार्मिक ना सिर्फ स्वयं संक्रमित हो रहे हैं साथ ही उनके परिवार भी संक्रमित हो रहे हैं ।जिससे कि संपूर्ण कार्मिक समुदाय में भय का वातावरण व्याप्त है ।आज पुनः मांग की गई कि ना सिर्फ जमीनी स्तर पर कार्य कर रहे समस्त कार्यकर्ताओं को उनके परिजनों सहित टीकाकरण में प्राथमिकता दी जाए साथ ही उन सभी को हरियाणा व अन्य राज्यों की भाति 50 लाख रुपए का बीमा कवर भी दिया जाए ।

इसके अतिरिक्त उन्हें कोई न्याय सुरक्षा हेतु समस्त सुविधाएं तथा मास्क, सैनिटाइजर, हैंड ग्लव्स आदि भी उपलब्ध कराए जाएं आज की बैठक में था को प्रह्लाद सिंह एनके त्रिपाठी ,अरुण पांडे ,शक्ति प्रसाद भट्ट, चौधरी ओमवीर सिंह, गिरिजेश कांडपाल ,कुवर सामंत ,हषर्वर्धन नेगी तनवीर अहमद ,अशोक कुमार शर्मा पीसी शर्मा, गुड्डी मथुरा रेनू लांबा बाबू खान आई एम कोठारी आदि कर्मचारी नेताओं ने हिस्सा लिया।

Pls clik

ग्यारहवें ज्योर्तिलिंग श्री केदारनाथ धाम के कपाट खुले,देखें वीडियो

… उदासी भरे दिन कभी तो ढलेंगे.. मिशन हौसला..देखें वीडियो

पड़ताल- विदेश से कोरोना वैक्सीन आने में लग सकते हैं 100 DAYS!

प्रदेश में कोरोना से 188 मौतें, 4496 positive, टेस्ट की रफ्तार पड़ी धीमी

Total Hits/users- 30,52,000

TOTAL PAGEVIEWS- 79,15,245

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *