परिवहन विभाग के संभागीय निरीक्षक को सेवा विस्तार देने के लिए मंत्री-सांसद-संगठनने लिखा सिफारिशी पत्र। शासन में चली पत्रावली
परिवहन मंत्री यशपाल आर्य ने कहा मेरे संज्ञान में नहीं है यह मामला
लगभग डेढ़ साल पहले इस आरआई के घर से चोरों ने 2 करोड़ नगद चुराए थे। लेकिन रिपोर्ट नहीं हुई थी दर्ज
सियासी दबाव बनाने में शासन ने जीएम आर के सेठ को कर चुकी है सस्पेंड
अविकल उत्त्तराखण्ड
देहरादून। राजनीतिक सोर्स से मनमाफिक कुर्सी की कोशिश करने वाले जीएम आर के सेठ के निलंबन के बाद इसी तरह की एक कहानी और सामने आ रही है। मामला परिवहन विभाग के एक चर्चित अधिकारी को रिटायरमेंट के बाद सेवा विस्तार दिए जाने की कोशिशों से जुड़ा है। शासन में मामले की फ़ाइल भी चल रही है।
और इस पत्रावली में एक मंत्री और सांसद का सिफारिशी पत्र भी लगा है। कवरिंग पत्रों में इस अधिकारी को सेवा विस्तार दिए जाने का अनुरोध किया गया है। बताया जाता है कि जल्द रिटायर होने वाले यह अधिकारी जोर जुगाड़ कर मनमाफिक काम करवाने में माहिर है।
हालांकि, परिवहन मंत्री यशपाल आर्य ने साफ कहा कि ऐसा कोई मामला मेरे संज्ञान में नहीं है। और न ही किसी संभागीय निरीक्षक (आरआई) के सेवा विस्तार से जुड़ी पत्रावली ही मेरे पास आयी है।
गौरतलब है कि लगभग मई 2019 में इस अधिकारी के घर डेढ़ करोड़ की डकैती/चोरी के मामले में काफी शोर मचा था। इस डेढ़ करोड़ की कहानी देहरादून के पुरुकुल में अभिमन्यु क्रिकेट अकादमी के मालिक आर पी ईश्वरन के घर पर पड़ी डकैती से सीधे तौर पर जुड़ी पायी गयी थी।
तत्कालीन एसएसपी अरुण मोहन जोशी ने इस डकैती का खुलासा किया था। पकड़े गए डकैतों ने पुलिस को सनसनीखेज जानकारी दी थी। इस जानकारी के बाद पुलिस भी सन्नाटे में आ गयी थी।
पकड़े गए डकैतों ने पुलिस को वताया था कि उन्होंने देहरादून में एक अधिकारी के आवास पर डेढ़ करोड़ की नगदी पर हाथ साफ किया था। डेढ़ करोड़ बिस्तर व आलमारी में छुपा कर रखे गए थे।
इस मामले का सबसे रोचक पहलु यह रहा कि संभागीय निरीक्षक (आरआई) ने बदनामी के डर से इस मामले की रिपोर्ट ही दर्ज नहीं कराई थी। डकैतों से यह नयी व सनसनीखेज जानकारी मिलने के बाद देहरादून पुलिस ने इस अधिकारी से पूछताछ की थी।
पुलिस ने यह भी पूछा था कि आखिर डेढ़ करोड़ नगद कहाँ से आया। यह मामला मीडिया की खूब सुर्खियों में भी रहा। लेकिन बाद में मामला ठंडे बस्ते में चला गया।
बहरहाल, जल्द रिटायर हो रहे इस चर्चित आरआई के सेवा विस्तार के लिए भाजपा के एक मंत्री व सांसद के सिफारिशी पत्र की विभाग में खूब चर्चा है। यही नहीं, आर के सेठ के निलंबन के बाद इस पत्रावली पर भी पानी फिरने की पूरी संभावना दिखने लगी है।
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