Cyber crime- लोन एप के जरिये जबरन वसूली करने वाले गिरोह का भंडाफोड़

साइबर क्राइम पुलिस ने देश के विभिन्न कोनों में लोन एप के माध्यम से धोखाधड़ी करने वाले संगठित गिरोह का पर्दाफाश किया

उत्तराखंड व महाराष्ट्र पुलिस का औरंगाबाद जनपद में संयुक्त ऑपरेशन


कॉल सेंटर की आड़ में लोन की वापसी के लिए देश भर के लोगो से जबरन कर रहे थे वसूली
अनुमानित 1500 मोबाइल सिम जब्त एवं 02 सिम बॉक्स को किया गया जब्त

अविकल उत्तराखण्ड

देहरादून। उत्तराखंड पुलिस एंड महाराष्ट्र पुलिस के संयुक्त ऑपरेशन में लोन एप की आड़ में कर्जा वापसी के लिए जबरन वसूली कर रहे गैंग का पर्दाफाश किया। गैंग के पास से
अनुमानित 1500 मोबाइल सिम व 2 सिम बॉक्स जब्त किए गए।

मिली जानकारी के मुताबिक लूनिया मोहल्ला निकट कालिका मन्दिर निवासी के साथ करीब 17 लाख रुपये की ऑनलाइन लोन एप के माध्यम से साइबर ठगी हुई। प्रथम दृष्टया जांच में पाया कि भारत सरकार के NCRP पोर्टल पर भी फर्जी लोन एप के माध्यम से धोखाधड़ी का शिकार हुए पीड़ितों की विभिन्न शिकायतें प्राप्त हुई ।

इन शिकायतों की जाँच साइबर थाने की उ0नि0 रोशनी रावत द

ने जांच के बाद साइबर थाने पर 29 दिसंबर को( FIR no-29/2022 धारा 109,120बी,384, 385, 419, 420, 469, 500, 501, 504 भादवि व धारा 43ए, 66, 66(सी), 66(डी)) आईटी एक्ट में अभियोग पंजीकृत कराया।

विवेचना के लिए विशेष टीम का गठन किया गया। जांच टीम ने अनुमानित 75-80 फर्जी लोन एप को बन्द कराने हेतु कार्यवाही की गई। साथ ही फर्जी लोन के नाम पर SMS का प्रयोग कर लगभग 70 SMS HEADER को चिन्हित कर इनके विरुद्ध कार्यवाही करते हुए सम्पूर्ण भारत वर्ष में बन्द करवाने का प्रयास प्रारम्भ किया गया ।

अभियोग मे अभियुक्त अंकुर ढींगरा पुत्र अनिल ढींगरा निवासी एन-2/79 मोहन गार्डन उत्तम नगर नई दिल्ली हाल डी- 205 मोहन गार्डन नई दिल्ली को उसके गुडगाँव स्थित कार्यालय से गिरफ्तार किया गया था । गिरफ्तार अभियुक्त ने बताया कि उसके द्वारा कुछ चीनी मूल के नागरिकों को 2019-20 में औरंगाबाद ले गया था इसी क्रम में विवेचना में यह बात सामने आई की वोडाफोन कंपनी के 77 नंबर की एक विशेष सीरीज से लोगों को लोन apps के सन्दर्भ में पैसे वसूलने का काम भी किया जा रहा

गहनता से नंबरों को चेक करने पर साफ हुआ कि 4 अक्टूबर 2022 को एक साथ 32 सिम एक ही कंपनी यश इंटरप्राइजेज द्वारा पोर्ट करके लिए एवं एक्टिवेट किये गए थे। नतीजतन, साइबर थाना देहरादून की टीम औरंगाबाद पुलिस (महाराष्ट्र पुलिस) के साथ संयुक्त अभियान चलाया और इस कॉल सेंटर पैठण गेट औरंगाबाद में रेड डाली मौके पर एक कॉल सेंटर संचालित था जहाँ लगभग 150 लोग पब्लिक से फ़ोन पे जबरन वसूली कर रहे थे

इन कर्मचारियों द्वारा बताया गया कि कंपनी का मालिक सय्यद जोहेब विभिन्न टीम लीडर्स के माध्यम से इनको काम देता था इनको भारत पे और वोडाफोन के लाइसेंस प्राप्त हैं परन्तु इसकी आड़ में भारत के विभिन्न लोगों को कॉल करके पैसे वसूलने का काम भी दिया गया था | मौके से सय्यद जोहेब पहले से फरार था और उसके विरुद्ध लुक आउट सर्कुलर जारी किया जाएगा।

जांच टीम ने 10 टीम लीडर्स एवं कॉलर्स के विरुद्ध 41क सीआरपीसी का लीगल नोटिस तमील करवाया गया ।
मौके से 1500 सिम कार्ड्स जब्त एवं 02 सिम बॉक्स मशीन को जब्त किया गया । औरंगाबाद पुलिस द्वारा कॉल सेंटर के सभी 150 कर्मचारियों की डिटेल्स को एकत्रित करके नोटिस दी गयी ।

इस पूरी करवाई से देश भर में फ़र्ज़ी ऑनलाइन लोन app के माध्यम से जबरन वसूली करने वाले गिरोह के हौसले पस्त हो जायेंगे |पूर्व मे इस प्रकार के लोन एप प्ले स्टोर पर मौजूद रहते थे किन्तु गूगल द्वारा प्रतिबंध लगाये जाने के उपरान्त साइबर अपराधियों द्वारा आम जनता को अपनी बातों मेंफंसाकर वाट्सअप/एसएमएस एवं अन्य माध्यमो से लोन एप का लिंक भेजकर डाउनलोड कराया जा रहा था।

वांछित अभियुक्त-
1- सैयद जोहेब पुत्र सैय्यद मुमताज अहमद निवासी बंगला नम्बर 1, राज हाईट्स टाउन सैन्टर सिडकु सेवन हिल एमजीएम हॉस्पिटल के सामने औरंगाबाद महाराष्ट्र

पुलिस टीम-
1- पुलिस उपाधीक्षक श्री अंकुश मिश्रा
2- निरीक्षक विकास भारद्वाज
3- उ0नि0 राजीव सेमवाल
4- उ0नि0 कुलदीप टम्टा
5- अ0उ0नि0 सुरेश कुमार
6- औरंगाबाद पुलिस

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक स्पेशल टॉस्क फोर्स महोदय उत्तराखण्ड द्वारा अपनी टीम को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि न केवल अपराधियों की पहचान करना है, गिरफ्तार करना है बल्कि इस तरह के धोखाधड़ी एसएमएस को भी रोकना है, जिनके ऊपर प्रभावी काम किया जा रहा है जिससे पूरे भारत में नागरिक लाभान्वित होंगे।

किसी भी प्रकार काऑनलाइन ट्रेडिंग लेने से पूर्व उक्त साइट की पूर्ण जानकारी व स्थानीय बैंक, सम्बन्धित कम्पनी आदि से भलींभांति इसकी जांच पड़ताल अवश्य करा लें । कोई भी शक होने पर तत्काल निकटतम पुलिस स्टेशन या साइबर क्राईम पुलिस स्टेशन को सम्पर्क करें । कोई भी वित्तीय साइबर धोखाधड़ी शक होने पर तत्काल निकटतम पुलिस स्टेशन या साइबर हेल्पलाईन 1930 या साइबर क्राईम पुलिस स्टेशन पर सम्पर्क करें।

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