घरेलू हिंसा और कारा प्रथा जैसे संवेदनशील मुद्दों पर आधारित फिल्म को मिला स्पेशल फेस्टिवल मेंशन अवॉर्ड
अविकल उत्तराखंड
नई दिल्ली। उत्तराखंडी फीचर फिल्म ‘कारा: एक प्रथा’ ने प्रतिष्ठित दादा साहेब फाल्के फिल्म फेस्टिवल 2025 में स्पेशल फेस्टिवल मेंशन अवॉर्ड हासिल कर राज्य का गौरव बढ़ाया है।
यह सम्मान फिल्म को फीचर फिल्म श्रेणी में उसके सामाजिक सरोकार और प्रभावशाली प्रस्तुति के लिए प्रदान किया गया।
फिल्म का निर्माण और निर्देशन परिणीता बडोनी एवं सुनील बडोनी ने किया है। यह फिल्म वर्ष 2005 में उत्तराखंड में घटित एक सत्य घटना से प्रेरित है और इसमें कारा प्रथा व घरेलू हिंसा जैसे गंभीर विषयों को केंद्र में रखा गया है।

निर्माताओं के अनुसार, इस वर्ष फेस्टिवल में ‘कारा: एक प्रथा’ उत्तराखंड का प्रतिनिधित्व करने वाली इकलौती फीचर फिल्म रही। देश-विदेश की सैकड़ों फिल्मों के बीच इस फिल्म ने निर्णायक मंडल का ध्यान आकर्षित किया और समारोह में खूब सराहना बटोरी।
अपने अनूठे विषय और सशक्त अभिनय के कारण यह फिल्म पहले भी सिनेमाघरों में दर्शकों की प्रशंसा पा चुकी है। निर्माता जोड़ी इसे आगामी अंतरराष्ट्रीय फिल्म समारोहों में भी प्रस्तुत करने की योजना बना रही है।
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