शिक्षाधिकारी के फर्जीवाड़े की जांच पर राष्ट्रपति सचिवालय के ई मेल से मचा हड़कंप

राष्ट्रपति सचिवालय के मुख्य सचिव को भेजे ई मेल के बाद शासन स्तर पर मची खलबली,कई साल से चल रही जांच का नतीजा सिफर

शिक्षा महानिदेशक ने शासन को कहा, ‘ क’ श्रेणी के अधिकारी की SIT व विजिलेंस जांच महानिदेशालय स्तर पर सम्भव नहीं

1989-90 में हल्द्वानी में शिक्षण कार्य व अल्मोड़ा से बीएड डिग्री लेने वाले अधिकारी के फर्जीवाड़े की जांच सवालों के घेरे में

अविकल थपलियाल

देहरादून। एक ही साल में शिक्षण कार्य करने व बीएड की डिग्री हासिल करने वाले शिक्षा विभाग के बड़े अधिकारी डॉ मुकुल सती की जांच के मामले में शिक्षा निदेशालय ने शासन के कोर्ट में गेंद डाल दी।

मौजूदा समय में मुकुल कुमार सती, अपर राज्य परियोजना निदेशक, समग्र शिक्षा के पद पर तैनात हैं। और इनके एक ही साल 1989-90 में हल्द्वानी में शिक्षण कार्य और अल्मोड़ा से बीएड डिग्री हासिल करने की जांच का मामला दस बारह साल से पेंडुलम बना हुआ है।

राष्ट्रपति व सीएम सचिवालय तक शिकायतें हो चुकी है। लेकिन एक ही साल में हल्द्वानी और अल्मोड़ा के बीच की सौ किमी की दूरी मुकुल सती ने कैसे तय की। धोखाधड़ी व जालसाजी से जुड़े इस बड़े सवाल को शासन सत्ता कई साल से आज तक हल नहीं कर पाई।

इधर, दो नवंबर को विद्यालयी शिक्षा महानिदेशक बंशीधर तिवारी ने शासन को भेजे पत्र में कहा है कि श्री मुकुल कुमार सती, प्रशासनिक संवर्ग के समूह ‘क’ श्रेणी के अधिकारी हैं, जिनके नियुक्ति प्राधिकारी सचिव, विद्यालयी शिक्षा, उत्तराखण्ड शासन है। प्रश्नगत प्रकरण की एस०आई०टी० अथवा विजिलेंस जाँच महानिदेशालय स्तर से सम्भव नहीं है, अतः उक्त सन्दर्भ / प्रत्यावेदन शासन के विचारार्थ प्रेषित है।

इस मामले में पूर्व में कई शिकायतें हो चुकी है। और नैनीताल जिला पुलिस के अलावा अन्य स्तर पर जांच का सिलसिला चला। 2022 में विजिलेंस ने भी शासन को जांच की बात कही थी। लेकिन ताजी शिकायत सितम्बर/ अक्टूबर 2023 को नैनीताल जिला पंचायत के पूर्व सदस्य इंद्र सिंह परिहार ने राष्ट्रपति ,सीएम व शासन को ई मेल के जरिये की।

राष्ट्रपति सचिवालय ने मामले का संज्ञान लेते हुए 25 सितम्बर 2023 को मुख्य सचिव डॉ एस एस संधु को आवश्यक पत्र भेजा।

इसके अलावा मुख्यमंत्री सचिवालय ने 1 नवंबर को महानिदेशक विद्यालय शिक्षा को निर्देशित किया गया । इसके बाद 2 नवंबर को महानिदेशक विद्यालय शिक्षा बंशीधर तिवारी ने एसआईटी जांच के संदर्भ में शासन को पत्र भेजा।

शासन स्तर पर जांच की कार्यवाही

शिकायतकर्ता इंद्र सिंह परिहार व भाष्कर का कहना है कि संयुक्त शिक्षा निदेशक एवं अपर राज्य परियोजना निदेशक (समग्र- शिक्षा) उत्तराखंड मुकुल कुमार सती पर उत्तराखंड राज्य में जालसाजी और धोखाधड़ी से सरकारी नौकरी करने और फर्जीवाडे की शिकायत सीएम हेल्पलाइन पोर्टल में दर्ज होने के पश्चात मामले में मुख्यसचिव एसएस संधू के द्वारा शिक्षासचिव रविनाथ रमन को कार्रवाई के आदेश दिए थे।

शिक्षासचिव रविनाथ रमन के द्वारा प्रश्नगत प्रकरण में उच्चस्तर में कार्रवाई गतिमान होने की सूचना सीएम हेल्पलाइन पोर्टल में दर्ज की है ।

देखें राष्ट्रपति सचिवालय का ई मेल
देखें सीएम सचिवालय का 1 नवंबर पत्र

क्या है पूरा मामला

अपर राज्य परियोजना निदेशक समग्र शिक्षा /संयुक्त शिक्षा निदेशक (उत्तराखंड) माध्यमिक शिक्षा निदेशालय मुकुल कुमार सती पर आरोप है कि उनके द्वारा धोखाधड़ी करते हुए शिक्षा-सत्र 1989-90 में ( प्रोक्सी के माध्यम से ) कुमाऊं विश्वविद्यालय के अल्मोड़ा परिसर में बीएड पाठ्यक्रम की संस्थागत डिग्री हासिल की है । जबकि मुकुल कुमार सती वर्ष 1989 – 90 में हल्द्वानी के एच एन इंटर कॉलेज हल्द्वानी में इंटर साइंस की मान्यता मिलने पर जुलाई 1989 से लेकर मई 1990 तक प्रवक्ता रसायन विज्ञान और जीव विज्ञान के पद पर शिक्षक कार्य करके हल्द्वानी में ही उपस्थिति दर्ज कर रहे थे और हल्द्वानी से ही वेतन प्राप्त कर रहे थे ।

कुलपति कुमाऊं विश्वविद्यालय द्वारा सूचना अधिकार अधिनियम के अंतर्गत उत्तराखंड सूचना आयोग को दी गई सूचना में अवगत कराया है कि —
कुमाऊं विश्वविद्यालय में B.Ed पाठ्यक्रम संस्थागत पाठ्यक्रम है । तथा कक्षाओं में 75% उपस्थित होने के पश्चात ही विद्यार्थियों को परीक्षा में शामिल होने की अनुमति मिलती है । और घर बैठकर तथा प्राइवेट या निजी संस्थान में नौकरी करते हुए किसी भी विद्यार्थी को बीएड पाठ्यक्रम में संस्थागत प्रवेश नहीं मिल सकता है ।

लेकिन मुकुल कुमार सती संयुक्त शिक्षा निदेशक उत्तराखंड द्वारा उत्तराखंड राज्य के जनपद नैनीताल में स्थित एच एन इंटर कॉलेज हल्द्वानी में शिक्षा सत्र 1989- 90 में इंटर साइंस की मान्यता मिलने पर कक्षा 11 इंटर साइंस के छात्रों को जीव विज्ञान एवं रसायन विज्ञान पाठ्यक्रम में अध्यापन और शिक्षण- कार्य किया।

जुलाई 1989 से लेकर मई 1990 तक हल्द्वानी में नौकरी करते हुए 100 किलोमीटर दूर कुमाऊं विश्वविद्यालय के अल्मोड़ा परिसर में बीएड पाठ्यक्रम के संस्थागत छात्र के रूप में शिक्षा सत्र 1989- 90 में प्रवेश प्राप्त करके बीएड कक्षाओं में 75% से अधिक उपस्थिति को दर्ज करवाकर B.Ed पाठ्यक्रम की संस्थागत डिग्री हासिल की।

शिकायतकर्ताओं का कहना है कि आश्चर्यजनक/ असंभव कारनामे को अंजाम दिया गया । और B.Ed पाठ्यक्रम की संस्थागत डिग्री कुमाऊं विश्वविद्यालय के अल्मोड़ा परिसर से जून– 1990 में हासिल की गई ।

देखें डॉ मुकुल सती की कुमाऊं विवि से 1990 की बीएड की डिग्री

नैनीताल जिला पुलिस ने भी की थी जांच

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक नैनीताल ने 31 जनवरी 2019 को मुख्यमंत्री सचिवालय के निर्देश पर कराई गई जांच में यह पाया कि मुकुल कुमार सती द्वारा शिक्षा सत्र 1989 /90 में हल्द्वानी के एच एन इंटर कॉलेज में जीव विज्ञान और रसायन विज्ञान के शिक्षक के रूप में जुलाई 1989 से लेकर मैं 1990 तक शिक्षक के रूप में नौकरी करते हुए हल्द्वानी के एच0एन0 इंटर कॉलेज में ही उपस्थिति दर्ज करवाई गई और नियमित रूप से हल्द्वानी से ही वेतन हासिल किया गया । और इसी दौरान मुकुल कुमार सती द्वारा कुमाऊं विश्वविद्यालय के अल्मोड़ा परिसर में B.Ed पाठ्यक्रम में संस्थागत प्रवेश लेकर बीएड पाठ्यक्रम की संस्थागत डिग्री हासिल की गई है। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक नैनीताल द्वारा पुलिस मुख्यालय के माध्यम से शासन को प्रेषित जांच रिपोर्ट दिनांक 31 जनवरी 2019 में उपरोक्त तथ्यों की की पुष्टि करते हुए जांच किए जाने की संस्तुति प्रेषित की गई है ।

देखें, हल्द्वानी के एच एन इंटर कालेज में 1989-90 में किये गए शिक्षण कार्य का प्रमाणपत्र

बीएड की उपस्थिति पंजिका गायब, प्राथमिकी दर्ज

इसके अलावा, कुमाऊं विश्वविद्यालय नैनीताल द्वारा शिक्षा सत्र 1989- 90 में B.Ed पाठ्यक्रम की उपस्थितिपंजिका के गायब होने के संदर्भ में कोतवाली अल्मोड़ा में प्रथम सूचना रिपोर्ट भी दर्ज करवाई है । मुकुल कुमार सती द्वारा शिक्षा सत्र 1989- 90 में कुमाऊं विश्वविद्यालय के अल्मोड़ा परिसर से बीएड पाठ्यक्रम की संस्थागत डिग्री हासिल करने की पुष्टि भी की है ।

एचएन इंटर कॉलेज हल्द्वानी से वेतन लेने की पुष्टि

वही एचएन इंटर कॉलेज हल्द्वानी प्रबंधन द्वारा भी मुकुल कुमार सती के द्वारा शिक्षा सत्र 1989 /90 में प्रवक्ता जीव विज्ञान एवं रसायन विज्ञान के पद पर जुलाई 1989 से लेकर मई 1990 तक शिक्षण कार्य करने और नियमित रूप से उपस्थिति पंजिका में हस्ताक्षर करके वेतन प्राप्त करने की पुष्टि करते हुए मुकुल कुमार सती की उपस्थिति पंजिका इंटर कॉलेज हल्द्वानी में उपलब्ध होने की पुष्टि की गई है ।

गौरतलब है कि एसआईटी जांच के पश्चात उत्तराखंड में इंटरमीडिएट स्तर तक के कई शिक्षक फर्जीवाडे की पुष्टि के पश्चात नौकरी से बर्खास्त होकर जेल जा चुके हैं ।

यही नहीं, विजिलेंस जांच के बाद 20 से अधिक दारोगाओं पर गाज गिर चुकी है और इनको निलंबित किया जा चुका है। तथा वही डॉ मुकुल कुमार सती के मामले में लगातार जो रही देरी भी कई सवालों को जन्म दे रही है।

Pls clik-देखें, डॉ मुकुल सती ने क्या कहा

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