अविकल उत्त्तराखण्ड
देहरादून। नीचे चस्पा ग्राफ से साफ जाहिर हो रहा है कि अलग अलग सप्ताह में प्रदेश में कोरोना टेस्ट का प्रतिशत 14 से लेकर 35 प्रतिशत तक गिरा। 15 सितम्बर से 5 अक्टूबर तक की गई टेस्टिंग में 30 हजार तक गिरावट देखी गयी। 15 से 21 सितम्बर के सात दिनों में 85928 टेस्ट हुए। जबकि 29 सितम्बर से 5 अक्टूबर तक के सात दिन में टेस्टिंग की संख्या घटकर 55685 रह गयी।यह अपने आप में बेहद गंभीर सवाल है। 20 दिन के अंतराल में टेस्टिंग 30 हजार तक घट गई। टेस्टिंग कम होने की वजह से ही संक्रमित मरीजों का आंकड़ा भी अनियमित तरीके से घट-बढ़ रहा है।
आंकड़ों की कहानी देखिये। एक सप्ताह व प्रतिदिन हो रहे टेस्ट में कितनी जबर्दस्त गिरावट देखी गयी। 15 से 21 सितम्बर को 85928 टेस्ट हुए। 22 से 28 सितम्बर को यह आंकड़ा घटकर 73960 रहा। 29 से 5 अक्टूबर तक 55685 लोगों के टेस्ट लिए गए। इसके अलावा 15 से 21 सितम्बर के सप्ताह में प्रतिदिन जांच का आंकड़ा 12275 रहा। 22 से 28 सितम्बर तक प्रतिदिन टेस्ट का आंकड़ा 10566 रहा। और 29 से 5 अक्टूबर तक प्रतिदिन 7955 जांच हुई। इससे साफ हुआ कि 15 सितम्बर से 5 अक्टूबर तक टेस्ट करने के ग्राफ में 14 से 30 प्रतिशत की कमी आयी।
यह सर्वे 15 सितम्बर से 5 अक्टूबर तक वीकली बेसिस के आधार पर किया गया। सैंपलिंग/टेस्ट के प्रतिशत में आ रही इस कमी से कोरोना संक्रमितों की संख्या में काफी अंतर देखा जा रहा। बीते सोमवार को यह 1419 नए कोरोना मरीज चिन्हित हुए।
जबकि मंगलवार को सिर्फ 338 ही सामने आए। SDC foundation के अध्यक्ष अनूप नौटियाल की टीम की इस रिसर्च से यह बात भी सामने आयी है कि ज्यादा से ज्यादा टेस्ट के बाद ही आने वाली कठिनाई से लड़ने की रणनीति बनायी जा सकती है। इधर, अब त्रिवेंद्र सरकार ने सचिवालय में सभी बैठकों को वर्चुअल मोड में करने के आदेश कर दिये हैं।
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