अनलॉक के मौसम में फिर नजर आया लॉकडौन जैसा दर्दनाक मंजर

सामान लादे महिलाएं , बच्चे व पुरुष यात्री डाटकाली से तीन किमी पैदल चल पहुंच रहे उत्त्तराखण्ड की सीमा में

अविकल उत्त्तराखण्ड


देहरादून।
सुबह -सुबह यह तस्वीर एक मित्र ने भेजी। उमस भरी धूप में महिलाएं और बच्चे सामान समेत पूरे तीन किलोमीटर पैदल चलकर देहरादून की सीमा आशा रोड़ी चेक पोस्ट पर पहुंच रहे हैं। इस तस्वीर ने लॉकडौन में सड़क पर चल रही राहगीरों की भीड़ के पुराने दर्दनाक पल की यादें ताजा कर दी।

तपती धूप में महिलाएं, बच्चे और सिर पर सामान लादे राहगीर। कौन करेगा व्यवस्था.

दरअसल, उत्तर प्रदेश की दिशा से आने वाले यात्रियों को प्रसिद्ध डाटकाली सुरंग के पास उतार दिया जा रहा है। वहां से सभी यात्री बारिश और धूप में जंगल के बीच से गुजर रही सड़क से होकर देहरादून पहुंच रहे हैं।

वनों से घिरे इस राष्ट्रीय राजमार्ग पर कई बंदर भोजन की तलाश में राहगीरों को ताकते भी रहते हैं और पीछा भी करते हैं। ये बंदर झपट्टा मारने में भी देरी नहीं करते। किसी को भी लहूलुहान कर सकते हैं। हालांकि, कुछ दिन टेम्पो आदि वाहन डाटकाली से यात्रियों को देहरादून की सीमा तक ला रहे थे। लेकिन सख्त प्रशासन ने टेम्पो आदि वाहनों के चलने पर रोक लगा दी।

अब डाटकाली सुरंग से आशारोड़ी चेक पोस्ट तक किसी भी प्रकार के आवागमन की सुविधा नहीं होने से यात्रियों को काफी दिक्कत उठानी पड़ रही है। उत्त्तराखण्ड सरकार को चाहिए कि डाटकाली से बस अड्डे तक वाहन चलवाये ताकि अनलॉक 4 के मौसम में यात्रियों की यह तस्वीर देख छह महीने पूर्व लॉकडौन में मजबूरी में पैदल चल रहे राहगीरों के उस दर्दनाक मंजर की पीड़ादायक यादें फिर ताजा न हो।

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