दक्षिण अमेरिकी सुपर ग्रेन क्विनोआ अब उत्त्तराखण्ड में भी उगेगा। uttarakhand agriculture

दक्षिण अमेरिका का सुपर अनाज क्विनोआ अब उत्त्तराखण्ड के खेतों में भी उगेगा

सीएम त्रिवेंद्र के खैरासैंण से शुरू हो गयी सुपर ग्रेन
क्विनोआ की खेती

क्विनोआ फूलों से लदा हुआ पौधा जो चौलाई परिवार (कैटेगरी)से जुड़ा माना जाता है।

पौष्टिक तत्वों से भरपूर है क्विनोआ सुपर ग्रेन

अविकल उत्त्तराखण्ड

पौड़ी गढ़वाल। दक्षिण अमेरिका में सुपर ग्रेन के नाम से विख्यात क्विनोआ QUINOAअब उत्त्तराखण्ड के खेतो में लहलहाता दिखेगा। सेहत के लिए बेहद फायदेमंद अनाज क्विनोआ अब हिंदुस्तान में भी पौष्टिक खाद्य पदार्थ के तौर पर लोकप्रिय हो रहा है।
गुजरात में भी super grain quinoa क्विनोआ की खेती के सार्थक परिणाम देखने को मिले हैं।

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दक्षिण अमेरिका का सुपर अनाज क्विनोआ अब उत्त्तराखण्ड के खेतों में भी उगेगा

गुजरात के आर्गेनिक ग्रीनरी सिस्टम पर चलते हुए उत्त्तराखण्ड के पौड़ी जिले की सतपुली तहसील के कुछ गांवों में क्विनोआ की बुआई शुरू हो गयी।

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Quinoa का पौधा

मुख्यमंत्री के भाई व किसान बृजमोहन रावत व अन्य किसानों ने खैरासैंण गांव में क्विनोआ की बुआई शुरू की। क्विनोआ को सुपर ग्रेन कहा जाता है। पर्वतीय इलाकों में इसकी खेती को मुकम्मल हवा पानी मिल गया तो किसानों की आर्थिकी पर पॉजिटिव प्रभाव देखने को मिलेगा। क्विनोआ की खेती के लिए एकेश्वर ब्लॉक  के उचाकोट, रिसोलि, धूर को उपयुक्त माना गया है। प्रयोग के तौर पर इन गांवों के किसानों को क्विनोआ के बीज उपलब्ध कराए गए।

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पौड़ी के जिलाधिकारी धीराज गर्ब्याल ने विशेष रुचि दिखाते हुए पर्वतीय ग्रामीण किसानों को क्विनोआ का उन्नत बीज हाईफ़ीड के जरिये उपलब्ध कराए हैं।

सीएम त्रिवेंद्र रावत के गांव खैरासैंण में क्विनोआ के बीज बोते हुए किसान

क्विनोआ का वैज्ञानिक नाम चिनोपोडियम क्विनोआ (Chenopodium quinoa) है। क्विनोआ, अक्सर ‘सुपरफूड’ या एक ‘सुपर ग्रेन’ के रूप में जाना जाता है। यह दुनिया के सबसे लोकप्रिय स्वास्थ्य खाद्य पदार्थों में से एक है। क्विनोआ एक फूलों से लदा हुआ पौधा होता है, जो चौलाई परिवार से जुड़ा हुआ है। यह एक वार्षिक पौधा है जो अपने खाद्य बीज के लिए उगाया जाता है। इसके बीज लस मुक्त होते हैं। यह प्रोटीन का एक उत्कृष्ट स्रोत है (एक पूर्ण स्रोत, क्योंकि इसमें सभी नौ आवश्यक एमिनो एसिड होते हैं)। इसमें फाइबर और खनिजों की भी अच्छी मात्रा पाई जाती है।

क्विनोआ खाने का क्रेज भारत के लोगों में तेजी से बढ़ता जा रहा है. हालांकि यह आसानी से तो नहीं, लेकिन मॉल्स में खुले फूड आउटलेट्स में मिल जाता है. वहीं कुछ ई कॉमर्स वेबसाइट्स भी क्विनोआ बेच रही हैं.

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क्विनोआ का बीज 300 से 1000 रुपए 500 ग्राम तक बिकता है

इसे खाने के बहुत फायदे हैं.
(मोटापे से परेशान लोग ये 5 सुपरफूड खाकर जल्दी घटा सकते हैं वजन)
भारत के अन्य अनाज गेहूं, चावल, दाल की तरह ही ये भी एक अनाज ही है जो दक्षिण अमेरिका से हमारे देश में आया है. पिछले 2-3 वर्षों में क्विनोआ नाम के इस अमेरिकन अनाज ने इंडियन मार्केट में अपनी खास जगह बना ली है. दक्षिण अमेरिका में इसका इस्तेमाल केक बनाने के लिए खासतौर पर किया जाता है. क्विनोआ ग्लूटेन फ्री है, इसमें 9 तरह के अमिनो एसिड होते हैं. इसे खाने से प्रोटीन भी ज्यादा मिलता है. क्विनोआ में पोटैशियम, मैग्नीशियम और कैल्शियम भी ज्यादा मात्रा में होती है. इसीलिए हेल्थ कॉन्सस लोग अपनी डाइट में इसे शामिल करते हैं.

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क्विनोआ की बुआई खैरासैंण गाँव में

क्या हैं क्विनोआ खाने के फायदे
– क्विनोआ सुबह-सुबह खाना चाहिए इसे खाने से वजन भी कम होता है.
– जिन लोगों का कोलेस्ट्रॉल ज्यादा होता है उनके लिए क्विनोआ बहुत फायदेमंद है. इसमें फाइबर की मात्रा ज्यादा होती है जो कोलेस्ट्रॉल को कंट्रोल करती है.
– क्विनोआ में विटामिन E अन्य अनाज के मुकाबले ज्यादा होता है.
– क्विनोआ खाने से हड्डियां मजबूत होती हैं. यह अन्य अनाज के मुकाबले ज्यादा फायदेमंद होता है.
– भारत में तो लोग सिर्फ क्विनोआ ही खाते हैं जबकि विदेशों में इसके पत्ते का सलाद भी खाया जाता है.

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