इंतजार खत्म, सचिन बने आबकारी व उद्योग सचिव। महाराष्ट्र से लौटने के बाद शासन ने कराया लंबा इंतजार, uttarakhand bureaucracy

उत्त्तराखण्ड कैडर के 2003 बैच के IAS सचिन कुर्वे महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के सचिव भी रह चुके हैं। डेपुटेशन समाप्ति के बाद उत्त्तराखण्ड आये सचिन लंबे समय से बाध्य प्रतीक्षा यानि बिना विभाग के चल रहे थे। इस पर भी चर्चाएं शुरू हो गयी थी।

अविकल उत्त्तराखण्ड

देहरादून। लंबे समय से बाध्य प्रतीक्षा में चल रहे 2003 बैच के आईएएस सचिन कुर्वे को अंततः उत्त्तराखण्ड शासन में आबकारी व उद्योग महकमे की जिंम्मेदारी सौंप दी गयी। आईएएस आनन्द वर्धन से आबकारी महकमा हटाकर सचिन को दिया गया है।

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नये आबकारी व उद्योग सचिव, सचिन कुर्वे

गौरतलब है कि कुछ साल डेपुटेशन पर महाराष्ट्र में सेवा देने के बाद सचिन वापस उत्त्तराखण्ड लौटे थे। वे पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के सचिव भी रहे। और जब महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लगा तो 2019 नवंबर में सचिन को राज्ययपाल भगत सिंह कोश्यारी का सचिव भी बनाया गया। हालांकि, इस निर्णय को लेकर आश्चर्य भी जताया गया कि फडणवीस के साथ कार्य कर चुके सचिन को राजभवन में खास जिंम्मेदारी दी गयी । तर्क यह दिया गया कि सचिन राजभवन में फाइल्स की उचित स्क्रीनिंग करेंगे। सचिन कुर्वे फडणवीस की गृह नागपुर में कलेक्टर रहे। यही नही वे मुंबई उपनगरीय इलाके के भी कलेक्टर रहे।

इधर, आबकारी व उद्योग दोनो ही महत्वपूर्ण विभाग है। काफी दावों के बावजूद इन्वेस्टर्स समिट के बाद उत्तराखण्ड में उद्योगों की स्थापना में अपेक्षित गति नहीं आ पाई। दोनों ही महकमे सचिव सचिन के लिए बड़ी चुनौती पेश करेंगे।

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अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने मंगलवार को किये आदेश

इसके अलावा जबरदस्त राजस्व नुकसान झेल रहे उत्त्तराखण्ड के प्रमुख स्रोत आबकारी विभाग में भी अंदरूनी खेल से उम्मीद के मुताबिक धनराशि सरकारी खजाने में नहीं पहुंच पा रही है।

मंगलवार को अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी की ओर से जारी आदेश में और सचिव शिक्षा निदेशक व उरेडा के अतिरिक्त ऊर्जा की भी जिंम्मेदारी दी गयी है।

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