चुनाव से पहले सदन में छिड़ी जंग से मतदाता को छूने की कोशिश
चारधाम देवस्थानाम एक्ट रद्द कर विरोध थामने की कोशिश
पूर्व सीएम हरीश रावत का विधानभवन के बाहर धरना
सदन के अंदर हुई आजादी के अमृत महोत्सव पर चर्चा
अविकल उत्त्तराखण्ड
देहरादून। चुनाव से पहले उत्त्तराखण्ड के सदन में छिड़ी जंग से विपक्षी कांग्रेस व भाजपा ने मतदाता को छूने की कोशिश की। कांग्रेस ने कई जनहित के मुद्दे उठा पूरी ताकत झोंकी और भाजपा ने उत्त्तराखण्ड विधानसभा के आखिरी सत्र की कीमत बूझते हुए गले की हड्डी बना चारधाम देवस्थानाम एक्ट को रद्द कर चुनावी गणित अपने पक्ष में मोड़ने की कोशिश की। सीएम पुष्कर सिंह धामी की घोषणा के बाद शनिवार को विधानसभा सत्र में इस विवादास्पद देवस्थानाम एक्ट के निरस्तीकरण पर मुहर लगा दी गयी। । इसके अलावा सदन में 10 विधेयक पारित किए गए। अनुपूरक मांगे पारित की गई। सत्र के आखिरी दिन पूर्व सीएम हरीश रावत ने विधानसभा के बाहर खनन व महंगाई पर धरना दे सरकार पर हमला बोल राजनीतिक माहौल को गर्मा दिया।
इधर, चारधाम देवस्थानाम एक्ट के निरस्त होने पर तीर्थ पुरोहित समाज ने गहरी खुशी जताई। इस मुद्दे पर तीर्थ पुरोहितों ने 2019 नवंबर से अभी तक तेज आंदोलन चलाया। चारों धामों के अलावा देहरादून में भी मंत्री आवास व सचिवालय के बाहर जबरदस्त प्रदर्शन कर दबाव बनाया। अब इस एक्ट के निरस्त होने से प्रदेश के कई इलाकों में भाजपा सरकार के खिलाफ बन रहे माहौल में कमी देखी जा सकती है।
उत्त्तराखण्ड की चतुर्थ विधानसभा के चुनाव से पहले हुए आखिरी तीन दिनी सत्र में सत्ता व विपक्ष के बीच कई मुद्दों पर रार हुई। बेरोजगारी,महंगाई ,खनन समेत कई मुद्दों पर कांग्रेस ने पूरी ताकत झोंकी और मंत्रियों को घेरा। सत्र का पहला दिन सीडीएस विपिन रावत को याद करते बीता। बाद के दो दिन अनुपूरक बजट समेत प्रश्नकाल व शून्यकाल के अलावा नियम 58 की सूचनाओं पर सरकार को विपक्ष के सवालों का जवाब देना भारी पड़ा। सत्ता पक्ष के कुंवर प्रणव सिंह ने अपनी ही सरकार को असहज किया।
विधायकों के विशेषाधिकार के सवाल पर पीठ को नये सिरे से निर्देश जारी करने पड़े। सत्र के आखिरी दिन आजादी के अमृत महोत्सव पर चर्चा करने वाला उत्त्तराखण्ड की विधानसभा ने इतिहास रचा। लेकिन पूरी बहस मेरे तेरे में उलझ कर रह गयी। इस चर्चा का लाइव प्रसारण किया गया। अंत में विधानसभाध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल व नेता विपक्ष प्रीतम सिंह ने सभी सदस्यों को सदन के अंदर हुई खट्टी मीठी यादों व कार्यकाल पूरा करने की बधाई दी। विधानसभा परिसर में चतुर्थ विधानसभा के सदस्यों का ग्रुप फोटो क्लिक कर यादों को सहेजा गया। और अब सभी जनप्रतिनिधि 2022 के विधानसभा चुनावों की ओर रुख रहेगा।
विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने विपक्ष एवं पक्ष के सभी सदस्यों को सहयोग के लिए धन्यवाद दिया है. विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि प्रदेशहित एवं जनहित के अनेक विषयों पर सदन में दोनों दलों द्वारा शांति पूर्वक गंभीर चिंतन-मनन किया गया| तीन दिवसीय शीतकालीन सत्र की कार्रवाई 15 घंटे 42 मिनट तक चला।
सत्र के दौरान विधान सभा को 250 प्रश्न प्राप्त हुए,
जिसमें स्वीकार 14 अल्पसूचित प्रश्न में 1 उत्तरित,
64 तारांकित प्रश्न में 4 उत्तरित,
143 आताराकिंत प्रश्न में 3 उत्तरित किए गए.
कुल 24 प्रश्न अस्वीकार एवं पांच विचाराधीन रखे गए.
5 याचिकाओं में से सभी याचिका स्वीकृत की गई.
नियम 300 में प्राप्त 43 सूचनाओं में से 21 सूचनाएं स्वीकृत, 22 सूचनाएं ध्यानाकर्षण के लिए,
नियम-53 में 32 सूचनाओं में 2 स्वीकृत एवं 13 ध्यानाकर्षण के लिए रखी गई.
नियम-58 में प्राप्त 11 सूचनाओं में 10 को स्वीकृत किया गया.
नियम-299 में 1सूचना प्राप्त हुई, जो कि स्वीकृत की गई.
नियम-112 में 1सूचना प्राप्त हुई, जो कि स्वीकृत की गई.
10 विधेयक सदन के पटल से पारित किये गए
1.उत्तराखण्ड (उत्तर प्रदेश) लोक सेवा (अधिकरण) (संशोधन) विधेयक, 2021
- उत्तराखण्ड सिविल विधि (संशोधन) विधेयक, 2021
- उत्तराखण्ड कृषि उत्पाद मण्डी (विकास एवं विनियमन)पुनर्जिवित विधेयक, 2021
- उत्तराखण्ड चार धाम देवस्थानम् प्रबन्धन (निरसन) विधेयक, 2021
- उत्तराखण्ड विनियोग (2021-22 का द्वितीय अनुपूरक) विधेयक, 2021
- उत्तराखण्ड पंचायती राज (द्वितीय संशोधन) अध्यादेश, 2021
- आम्रपाली विश्वविद्यालय विधेयक, 2021
- उत्तराखण्ड नजूल भूमि प्रबंधन, व्यवस्थापन एवं निस्तारण विधेयक, 2021
- सोसाइटी रजिस्ट्रीकरण (उत्तराखण्ड संशोधन) विधेयक, 2021
- उत्तराखण्ड किरायेदारी विधेयक, 2021
अध्यादेश:-
उत्तराखंड पंचायती राज (द्वितीय संशोधन) अध्यादेश 2021,
सत्र के दौरान 27वीं बार ऐसा हुआ कि सदन के भीतर प्रश्नकाल में सदस्यों द्वारा पूछे गए सभी तारांकित प्रश्न निश्चित समायावधि (एक घंटा 20 मिनट) में उत्तरित हुए।
चार धाम तीर्थ पुरोहित हक-हकुक धारी महा पंचायत समिति ने जताया आभार
महापंचायत समिति के महामंत्री हरीश डिमरी ने कहा कि देवस्थानाम एक्ट निरस्त होना सभी तीर्थ पुरोहित हक-हकूक धारी समाज के लिए यह बहुत बड़ा ऐतिहासिक दिन है। जिसका पूरा श्रेय यशस्वी उर्जावान मुख्यमंत्री मा० श्री पुष्कर सिंह धामी को जाता है। जिन्होंने अपने वचनों का जो उन्होंने तीर्थ पुरोहित एवं हक-हकूक धारी समाज को दिया था उसका अक्षर पालन किया। उन सभी संस्थाओं संगठनों एवं राजनैतिक पार्टियों को हृदय से आभार प्रकट करते हैं जिन्होंने दो साल के आन्दोलन के दौरान हमारा साथ दिया और आशा करता हूँ कि आगे भी इसी तरह की जरूरत पड़ी तो ये लोग हमारे साथ खड़े रहेंगे।
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