54 प्रवासी उत्तराखंडी भी संक्रमित, लगभग 14 हजार सैंपल की रिपोर्ट आनी बाकी.
दैनिक जागरण 22 अगस्त 20 के अंक में मौत का आंकड़ा 202.जबकि 22 अगस्त के हेल्थ बुलेटिन में कुल मौतें 195 .कौन बोल रहा सच ?
उत्तराखण्ड में त्रिवेंद्र सरकार के लाख दावों और फुल पेज विज्ञापन देने के बावजूद प्रदेश में कोरोना का आंकड़ा बेहद तेज गति से बढ़ रहा है। शनिवार को दिए गये विज्ञापन में त्रिवेंद्र सरकार ने कोरोना से सफल जंग और अपने प्रयास व उपायों का विस्तृत खाका खींचा है। फुल पेज के विज्ञापन में विस्तार से बताया गया है कि राज्य सरकार कितनी मुस्तैदी से कोरोना की जंग लड़ रही है।

शनिवार को 483 नए मरीज, तीन की मृत्यु, कुल 14566 मरीज
सरकार में विज्ञापनों में किये गए दावों में कितनी सच्चाई है, यह पॉजिटिव मरीजों की बढ़ती संख्या देख कर सहज ही लग जाती है। आंकड़े साफ बता रहे हैं कि कोरोना की बरसात फिलहाल थमती नजर आती। मैदानी इलाकों से लेकर पहाड़ तक स्थिति गंभीर ही होती जा रही है। कोविड केंद्रों में भी हालात बहुत ठीक नही है। नेशनल हेल्थ मिशन के कोविड केंद्र में ही छह कर्मी पॉजिटिव पाए गए।

विभिन्न स्वास्थ्य संस्थानों में परस्पर तालमेल की कमी भी साफ दिख रही है। सबसे बड़ी बात यह कि अभी तक एक सर्वमान्य स्वास्थ्य बुलेटिन नही प्रसारित हो पाया। विभिन्न संस्थानों की सूचनाओं का एक टेबल पर संकलन अभी तक नही हो पा रहा। लिहाजा राज्य में मौतों के आंकड़ों में भी अंतर नजर आ रहा है।

मीडिया में भी एक दिन की कुल मौतों का आंकड़ा अलग-अलग छप रहा है। शनिवार को जागरण अखबार ने मौतों का आंकड़ा 202 बताया है। जबकि शनिवार के सांय 7.30 बजे के हेल्थ बुलेटिन में कुल मौत 195 बतायी जा रही है। दोनों के आंकड़े में सात मौतों का अंतर समझ से परे है। चूंकि, स्वास्थ्य विभाग स्वंय मुख्यमंत्री देख रहे हैं। बावजूद इसके प्रशासनिक स्तर पर साफ झोल दिख रहा है।


शनिवार को 483 नए कोरोना पॉजिटिव चिन्हित किये गए। जबकि तीन मौतों के साथ आंकड़ा 195 तक पहुंच गया है। सबसे चिंता का विषय यह है कि 13837 सैंपल की रिपोर्ट आनी बाकी है। फिलहाल, उत्तराखण्ड में कोरोना की दशा और दिशा नियंत्रित करना बहुत जरूरी है। शुरुआती दौर में ही राज्य में कोरोना पीपीई किट खरीद में घपले की खबरें चर्चा में आ चुकी है।