पेपर लीक केस- अभियुक्त अभिषेक को लखनऊ से वापस दून जेल भेजा

लखनऊ की प्रिंटिंग प्रेस के कर्मियों से की पूछताछ. कई कागजात बरामद. संदिग्ध सफेदपोश तक कब पहुंचेंगे एसटीएफ के हाथ

अविकल उत्तराखंड

देहरादून।
यूकेएसएसएससी पेपर लीक मामले में एसटीएफ की टीम अभियुक्त अभिषेक वर्मा को लखनऊ से वापस दून ले आयी। तीन दिन पहले अभिषेक को पुलिस रिमांड पर STF टीम लखनऊ ले गयी थी।

दूसरी ओर, बैंकाक से जल्द लौटने वाले जनप्रतिनिधि की तत्काल गिरफ्तारी के भी साफ संकेत नहीं है। पुख्ता होम वर्क के बाद ही जनप्रतिनिधि की गिरफ्तारी की जाएगी। जनप्रतिनिधि के करीबी लोगों की धड़कनें असामान्य रूप से बढ़ गई है। ये करीबी इस बात से डरे हुए हैं कि कहीं संदिग्ध जनप्रतिनिधि जुबान न खोल दे। स्वंय को फंसता देख अगर उसने सब कुछ उगल दिया तो कई लोगों के चेहरे बेनकाब हो जाएंगे।

इस बीच, एग्जाम से जुड़े अधिकारी व कर्मचारियों की मिलीभगत को देखते हुए STF टीम कुछ और गिरफ्तारियां भी कर सकती है। इनमें जनप्रतिनिधि की धरपकड़ भी संभव है। अभी तक 13 लोग गिरफ्तार किए गए हैं।

एसटीएफ प्रभारी अजय सिंह ने बताया कि जांच से जुड़ी महत्वपूर्ण कड़ियां जोड़ने की कोशिश की जा रही है। जहां से पेपर लीक हुआ, उस प्रिंटिंग का बारीकी से निरीक्षण किया गया। एसटीएफ टीम ने वहां काम करने वाले लोगों से भी गहन पूछताछ की ।

एसटीएफ टीम का मानना है कि पेपर का ब्लूप्रिंट बनने से लेकर छपने तक में कहीं सेंध लगी है। लेकिन प्रिंटिंग और पैकिंग के दौरान की सीसीटीवी फुटेज नहीं मिलने से वास्तविक सेंधमारी का पता नहीं चल पा रहा है।

अभिषेक वर्मा की निशानदेही पर लैपटॉप,4 बैंक पासबुक,अवैध धन से खरीदी कार के कागजात बरामद किये गए।

इधर, STF टीम ने पूर्व एग्जामिनेशन कंट्रोल से भी हुई गहन पूछताछ कर चुकी है। प्रभारी अजय सिंह ने बताया कि परीक्षा नियंत्रक को पुनः पूछताछ के लिए बुलाया जा सकता है।

इधर, इस्तीफा देने से ठीक पूर्व आयोग के अध्यक्ष एस राजू होने वाली आठ परीक्षाएं रद्द कर दी। राजू ने इस मामले में जांच एजेंसियों के अलावा लिप्त जनप्रतिनिधियों की भूमिका पर भी सवाल उठाए हैं।

दूसरी ओर, अभी तक एसटीएफ टीम को कुछ जनप्रतिनिधियों और दलालों के रैकेट का पता चला है। यह भी साफ हो गया है कि उत्तरकाशी जिले के जनप्रतिनिधि के रिश्तेदार भी इस परीक्षा में पास हुए। इस जिले के 80 लोगों के इस भर्ती परीक्षा में पास होने की खबर से भी सन्देह और भी गहरा गया है। नाते रिश्तेदार भी पास करा दिए गए। लगभग 200 लोगों को पेपर बेचा गया।

भर्ती घोटाले का यह मामला भाजपा के गले की फांस बनता जा रहा है। संदिग्ध जनप्रतिनिधि भाजपा से जुड़े बताए जा रहे हैं। इनकी गिरफ्तारी के बाद कुछ बड़े बड़े लोगों पर भी आंच आनी लाजिमी है। इधर, बैंकाक से लौटने वाले जनप्रतिनिधि को जांच टीम कब तक गिरफ्तार करेगी , इस पर भी सभी की निगाहें टिकी है।

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…तो अब शुरू होती है एसटीएफ की अग्निपरीक्षा!

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